Processing math: 100%

Dr Manohar Re Solution CLASS 9 CHAPTER 9 समान्तर चतुंभुजों और त्रिभुजों के क्षेत्भफल (AREA OF PARALLELOGRAMS AND TRIANGLES) प्रश्नावली 9 (D)

 प्रश्नावली 9 (D)

प्रत्येक प्रश्न के चार उत्तर दिये हैं । सही उत्तर छाँटकर लिखिए :

प्रश्न 1. 

एक त्रिभुज का क्षेत्रफल 63 सेमी 2 है और आधार की लम्बाई 3 सेमी है । त्रिभुज की ऊँचाई होगी :
(i) 23 सेमी
(ii) 43 सेमी
(iii) 43 सेमी 2
(iv) 23 सेमी 2
उत्तर : 
विकल्प (ii) 43 सेमी ।
त्रिभुज का क्षेत्रफल =12 आंधार × ऊँचाई
63=12×3× ऊँचाई ऊँचाई =2×633
ऊँचाई =43 सेमी । 

प्रश्न 2. 

एक समलम्ब की समान्तर भुजाएँ 2 सेमी और 5 सेमी हैं, उनके बीच की दूरी 4 सेमी है । समलम्ब का क्षेत्रफल होगा :
(i) 28 सेमी 2
(ii) 35 सेमी 2
(iii) 11 सेमी 2
(iv) 14 सेमी 2
उत्तर : विकल्प (iv) 14 सेमी 2
हल :
समलम्ब का क्षेत्रफल=12 [समान्तर भुजाओं का योग ] × बीच की दूरी 
=12[2+5]×4
=7×2
=14 सेमी  2

प्रश्न 3. 

त्रिभुज की कोई माध्यिका उसे दो भागों में बाँटती है, तो उनके क्षेत्रफल होते हैं :
(i) असमान
(ii) बराबर
(iii) एक-दूसरे का दुगुना
(iv) एक-दूसरे से दो अधिक ।
उत्तर : विकल्प (ii) बराबर ।

प्रश्न 4. 

समचतुर्भुज का क्षेत्रफल, उसके विकर्णों के गुणनफल का होता है :
(i) तिहाई
(ii) चौथाई
(iii) आधा
(iv) बराबर ।
उत्तर : विकल्प (iii) आधा ।

प्रश्न 5. 

किसी समान्तर चतुर्भुज का एक विकर्ण उसे बाँटता है :
(i) दो बराबर भागों में
(ii) दो असमान भागों में
(iii) चार बराबर भागों में'
(iv) चार असमान भागों में ।
उत्तर : विकल्प (i) दो बराबर भागों में।

प्रश्न 6.

 समांतर चतुर्भुज ABCD और आयत ABEF एक ही आधार पर स्थित हैं और उनके क्षेत्रफल बराबर हैं। दर्शाइए कि समांतर चतुर्भुज का परिमाप आयत के परिमाप से अधिक है।
हल : 
दिया है : समान्तर चतुर्भुज ABCD तथा आयत ABEF एक ही आधार AB पर स्थित हैं तथा ar(ABCD)=ar(ABEF).









सिद्ध करना है : समान्तर चतुर्भुज की परिमाप > आयत की परिमाप'
अर्थात्      AB+BC+CD+DA>AB+BE+EF+AF
उपपत्ति : AFD,F=90
DA>FA..............(I)
 BCE में, CEB=90
BC>BE..............(ii)
AB=EF (आयत की सम्मुख भुजायें) ......(iii)
CD=AB.....(iv)
          (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजा)
समीकरण (i), (ii), (iii) तथा (iv) से,
DA+BC+AB+CD>FA+BE+EF+AB AB+BC+CD+DA,>AB+BE+EF+FA

प्रश्न 7. 

आकृति में, भुजा BC पर दो बिन्दु D और E इस प्रकार स्थित हैं कि BD=DE=EC है। दर्शाइए कि ar (ABD)=ar(ADE)=ar(AEC) है।









हल : 
दिया है : ABC में, BC पर दो बिन्दु D तथा E इस प्रकार हैं कि 
BD=DE=EC
सिद्ध करना है : ar(ABD)=ar(ADE)=ar(AEC)










रचना : AMBC खींचा।
क्षेत्रफल (ABD)=12×BD×AM
क्षेत्रफल (AD˙E)=12×DE×AM
क्षेत्रफल (AEC)=12×EC×AM
BD=DE=EC
ar(ABD)=ar(ADE)=ar(AFC)

प्रश्न 8. 

आकृति में, ABCD,DCFE और ABFE समांतर चतुर्भुज हैं। दर्शाइए कि ar(ADE)=ar(BCF) है।







हल : 
दिया है : तीन समान्तर चतुर्भुज ABCD,DCFE तथा ABFE दिए हैं। सिद्ध करना है : ar(ADE)=ar(BCF)
उपपत्ति : ADE तथा BCF में,
AE=BFAD=BCDE=CF} (समान्तर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ)
ΔADEBCF, (SSS)
हम जानते हैं समरूप त्रिभुज क्षेत्रफल में समान होते हैं। 
अत: ar(ADE)=ar(BCF)

प्रश्न 9. 

आकृति में, ABCD एक समांतर चतुर्भुज है और BC को एक बिन्दु Q तकं इस प्रकार बढ़ाया गया है कि AD=CQ है। यदि AQ भुजा DC को P पर प्रतिच्छेद करती है, तो दर्शाइए कि ar(BPC)=ar(DPQ) है। (संकेत : AC को मिलाइए I)










हल : 
दिया है : ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है तथा BC को एक बिन्दु Q तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि AD =CQ तथा AQ भुजा DC को P पर प्रतिच्छेदित करती है।











सिद्ध करना है : ar BPC=ar(DPQ).
रचना : AC तथा PB को मिलाय़ा।
APC और BPC एक ही आधार PC पर तथा समान समान्तर रेखाओं PC तथा AB के बीच स्थित हैं।
ar(APC)=ar(BPC).......(i)
AD=CQ (दिया है)
AD||B C
AD||CQ 
: चतुर्भुज ADQC में, सम्मुख भुजाओं का एक युग्म बराबर और समान्तर है। 
ADQC एक समान्तर चतुर्भुज है
AP=PQ तथा CP=PD
APC तथा DPQ में,
AP=PQ (सिद्ध कर चुके)
∠APC=∠DPQ  ( शोर्षाभिमुख कोण)
PC=PD (सिद्ध कर चुके)
ΔAPC⩭ΔDPQ [SAS प्रगुण द्वारा] ar(A P C)ar(DPQ) [∵ ar(APC)=ar(BPC)]
ar(BPC)=ar(DPQ)

प्रश्न 10. 

आकृति में, ABC और BDE दो समबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि D भुजा BC का मध्य-बिन्दु है। यदि AE भुजा BC को F पर प्रतिच्छेद करती है, तो दर्शाइए कि











(i) ar(BDE)=14ar(ABC)
(ii) ar(BDE)=12ar(BAE)
(iii) ar(ABC)=2ar(BEC)
(iv) ar(BFE)=ar(AFD)
(v) ar(BFE)=2ar(FED)
(vi) ar(FED)=18ar(AFC)

हल : 
चित्रानुसार EC और AD को मिलाया। चूँकि ABC एक समबाहु त्रिभुज है। 
अतः
A=B=C=60
तथा BDE भी एक समबाहु त्रिभुज है अतः
B=D=E=60
यदि ह यह मान लें कि AC तथा BE दो रेखाएँ हैं तथा BC एक तिर्यक रेखा इन्हें काटती है तो
B=C=60
(एकान्तर कोण)
अर्थात्
BEAC
क्योंकि यदि एकान्तर कोण बराबर होते हैं तो रेखाएँ समान्तर होती हैं।
इसी प्रकार यदि AB तथा DE दो रेखाएँ हैं तथा BF एक तिर्यक रेखा इन्हें काटती है तो B=D=60
अतः ABDE

(i) समबाहु BDE का क्षेत्रफल =34(BD)2.............(i)
                                            [क्योंकि समबाहु Δ का क्षेत्रफल =34 ( भुजा)2 ]
इसी प्रकार समबाहु .ABC का क्षेत्रफल =34(BC)2 
समीकरण (i) को (ii) से भाग देने पर
ar(ΔBDE)ar(ΔABC)=34(BD)234(BC)2=34(BD)234(2BD)2=BD24BD2
                                                 [क्योंकि D, बिन्दु BC का मध्य-बिन्दु है]
ar(ΔBDE)ar(˙ΔABC)=14BD=DCBC=BD+DC=BD+BD=2BDar(ΔBDE)=14ar(ΔABC)
(ii) BEC में ED एक माधिका है। 
ar(BDE)=12 ar (BEC)............(iii)

क्योंकि माध्यिका त्रिभुज को बराबर क्षेत्रफलों वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है।
BEAC
अतः BEC और BAE एक ही आधार BE तथा एक ही समान रेखाओं BE तथा AC के बीच स्थित हैं।
ar(ΔBEC)=ar(ΔBAE)..........(iv)
समीकरण (iv) का मान 'समीकरण (iii) में रखने पर
ar(BDE)=12ar(BAE).

(iii) पुन: क्योंकि ED रेखा BEC की एक माध्यिका है। 
ar(ΔBDE)=12ar(ΔBEC)
भाग (i) से ar(ΔBDE)=12ar(ABC)
14 ar (ABC)=12ar(BEC)
ar (ABC)=4×12 ar (ΔBEC)
ar(ABC)=2ar(BEC).

(iv) BDE=ABD=60 (दिया है)
अब BDE और ADE एक ही आधार DE तथा एक ही समान्तर रेखाओं AB और DE के बीच स्थित हैं अतः ar (ΔBDE)=ar(ADE)
दोनों पक्षों में से ar(FED) घटाने पर
ar(ΔBDE)ar(ΔFED)=ar(ΔADE)ar(ΔFED)ar(ΔBFE)=ar(ΔAFD)

(v) BDE तथा AED एक की आधार DE तथा एक ही समान्तर रेखाओं AB तथा ED के बीच स्थित हैं अतः
ar(ΔBDE)=ar(ΔAED)
दोनों पक्षों में से ar(FED) को घटाने पर
ar(ΔBDE)ar(ΔFED)=ar(ΔAED)ar(ΔFED)
याar(ΔBFE)=ar(AFD).............(v)

एक समबाहु त्रिभुज में खींची गई माध्यिका भुजा पर लम्ब होती है। अतः ADBC क्योंकि AD भुजा ABC की माध्यिका है।
अत:
 ar (AFD)=12×FD×AD.........(vi)
अब BC भुजा पर E बिन्दु से एक लम्ब रेखा EG खींची अर्थात् EGBC
ar(ΔFED)=12×FD×EG..........(vii)

समीकरण (vi) में 'समीकरण' (vii) का भाग देने पर
ar(ΔAFD)ar(ΔFED)=12×FD×AD12×FD×EGar(ΔAFD)ar(ΔFED)=ADEG=34BC34BD
                                       [क्योंकि समबाहु त्रिभुज के शीर्ष लम्ब =34× भुजा]
 या (क्योंकि भुजा BC का मध्य-बिन्दु D है),
या ar(ΔAFD)ar(ΔFED)=2
ar (AFD)=2ar(ΔFED)............(viii)
अब 'समीकंरण' (v) व (viii) से ar(ΔBFE)=2ar(ΔFED).
(vi)
ar(ΔAFC)=ar(ΔAFD)+ar(ADC)=2ar(ΔFED)+12ar(ABC)
                         [समीकरण (viii) का प्रयोग करने पर]
हम यह भी जानते हैं. कि माधिका त्रिभुज को बराबर क्षेत्रफल वाले दो त्रिभुजों में विभाजित करती है। अतः
ar(ΔAFC)=2ar(ΔFED)+12[4ar(ΔBDE)]
[भाग (i) के परिणाम से]
=2ar(ΔFED)+2 ar (ΔBDE)=2 ar (ΔFED)+2 ar (AED)

क्योंकि BDE तथा AED एक ही आधार ED तथा एक ही समान्तर रेखाओं AB तथा DE के बीच स्थित हैं ]
=2ar(ΔFED)+2[ar(ΔAFD)+ar(ΔFED)]
=2ar(ΔFED)+2ar(ΔAFD)+2ar(ΔFED)
=4ar(ΔFED)+2[2ar(ΔFED)] [समीकरण (viii) से]
=4ar(ΔFED)+4ar(ΔFED)
ar(ΔAFC)=8ar(ΔFED)
8ar(ΔFED)=ar(ΔAFC) 
ar(Δ FED)=18 ar(ΔAFC) इति सिद्धम् 

प्रश्न 11. 

चतुर्भुज ABCD के विकर्ण AC और BD परस्पर बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करते हैं। दर्शाइए कि ar (APB)×ar(CPD)=ar(APD)×ar(BPC) है।
[संकेत : A और C से BD पर लम्ब खींचिए।]
हल : 
दिया है : एक चतुर्भुज ABCD है जिसमें विकर्ण क्रमशः AC तथा BD परस्पर P बिन्दु पर प्रतिच्छेदित करते हैं।
सिद्ध करना है : ar (APB)×ar(ΔCPD)= ar (APD)×ar(BPC).
रचना : चित्रानुसार बिन्दु A से AMBD तथा बिन्दु C से CNBD खींची।










उपपत्ति :
ar(ΔABP)=12×BP×AM..........(i)
ar(ΔAPD)=12×DP×AM........(ii)

समीकरण (ii) में (i) से भाग देने पर
ar(ΔAPD)ar(ΔABP)=12×˙DP×AM12×BP×AM...........(iii)

ar(ΔCDP)ar(ΔBPC)=12×DP×CN12×BP×CN
ar(ΔCDP)ar(ΔBPC)=DPBP.........(iv)

समी'करण (iii) व (iv) के अनुसार
ar(ΔAPD)ar(ΔABP)=ar(ΔCDP)ar(ΔBPC) ar(ΔAPD)×ar(ΔBPC)=ar(ΔABP)×ar(ΔCDP)  इति सिद्धम्।

प्रश्न 12

.P और Q क्रमशः त्रिभुज ABC की भुजाओं AB और BC के मध्य-बिन्दु हैं तथा R रेखाखण्ड AP का मध्य-बिन्दु है। दर्शाइए कि :
(i) ar (PRQ)=12 ar (ARC)
(ii) ar(RQC)=38ar(ABC)
(iii) ar (PBQ)=ar(ARC)
हल : 
(i) प्रशनानुसार ABC में बिन्दु P तथा Q क्रमशः भुजाओं AB और BC के मध्य-बिन्दु हैं। AQ तथा PC को मिलाइए। ABQ की माधिका QR है।










B ar(ΔPRQ)=12ar(ΔAPQ) ...........(i)
पुन: ABQ की माधिया QP है अतः
ar(ΔAPQ)=12ar(ΔABQ)....(ii)
तथा ABC की माध्यिका AQ है। अतः
ar(ΔABQ)=12ar(ΔABC).......(iii)
समीकरण (i) व (ii) से
ar(ΔPRQ)=12ar(APQ)=12×12ar(ABQ)........(iv)
=14 ar(ΔABQ)
=14×12 ar(ΔABC) [समीकरण (iii) से]
∴ ar(ΔPRQ)=18 ar(ΔABC)........(iv)


चूँकि ΔAPCकी माध्यिका CR है अतः
ar(ΔARC)=12 ar(ΔAPC)
=12×12 arΔABC)

=14 ar(ΔABC) (क्योंकि ΔABC कीमाध्यिका CP है) 

ar(ΔABC)=4ar(ΔARC).........(v)

समीकरण (iv) व (v) से
ar(ΔPRQ)=18×4ar(ΔARC) [ समीकरण (v) से]
ar (ΔPRQ)=12 ar (ARC) 

(ii) ar(RQC)=ar(RQA)+ar(AQC)ar(ΔARC).....(vi)
PQA की माध्यिका RQ है अतः
ar(RQA)=12ar(ΔPQA)=12×12ar(AQB) [समीकरण (ii) से]
=14ar(ΔAQB)
=14×12ar(ABC) [समीकरण (iii) से]
=18ar(ΔABC)...........(vii)

चूँकि ABC की माध्यिका AQ है, अत:
ar(ΔAQC)=12 ar (ΔABC)..........(viii)
चूँकि APC की माध्यिका CR है, अतः
ar(ΔARC)=12ar(ΔAPC)=12×12ar(ABC)
                   (क्योंकि ABC की माध्यिका CP है)

=14ar(ABC)..........(ix)

अब समीकरण (vi), (vii), (viii) व (ix) से
ar(RQC)=18ar(ΔABC)+12 ar(ΔABC)14ar(ΔABC)
=[18+1214]ar(ΔABC)
=38ar(ABC)
(iii) चूँकि ABQ की माध्यिका PQ है, अत:
ar(ΔPBQ)=12ar(ΔABQ)=12×12ar(ABC)
                          (क्योंकि ABC की माध्यिका AQ है)
=14ar(ABC)..............(x)

समीकरण (ix) व (x) के अनुसार 
ar(ΔPBQ)=ar(ARC)

प्रश्न 13. 

आकृति में, ABC एक 'समकोण त्रिभुज है जिसका कोण A समकोण है। BCED,ACFG और ABMN क्रमशः भुजाओं BC,CA और AB पर बने वर्ग हैं। रेखाखण्ड AXDE भुजा BC को बिन्दु Y पर' मिलता है। दर्शाइए कि :












(i) MBCABD
(ii) ar(BYXD)=2ar(MBC)
(iii) ar(BYXD)=ar(ABMN)
(iv) ΔFCBΔACE
(v) ar(CYXE)=2ar(FCB)
(vi) ar(CYXE)=ar(ACFG)
(vii) ar(BCED)=ar(ABMN)+ar(ACFG)
'
हल : 
(i) प्रश्नानुसार दिए गए चित्र में
MBC और ABD में,
BC=BD [वर्ग BCED की भुजाएँ 
∠MBC=∠ABD (क्योंकि प्रत्येक 90°+∠ABC
MB=AB [वर्ग ABMN की भुजाएँ 
ΔMBC⩭ΔABD सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार

(ii) अब ABD और वर्ग BYXD एक ही आधार BD और एक ही समान्तर रेखाओं BD और AX के बीच स्थित है। अतः
ar(ΔADB)=12ar(BYXD)
ΔMBCABD ar (ΔMBC)=ar(ΔABD)
ar (ΔMBC)=12ar(BYXD)…(i)
ar(BYXD)=2ar(MBC)
इति सिद्धम्।

(iii) अब MBC और वर्ग ABMN एक ही आधार MB और एक हीं समान्तर रेखाओं MB तथा NA के बीच स्थित हैं। अत:
 ar (ΔMBC)=12ar(ABMN)..........(ii)

समीकरण (i) व (ii) से
ar(BYXD)=ar(ABMN)

(iv) अब FCB तथा ACE में,
CB=CE[वर्ग BCED की भुजाएँ।
FCB=ACE (क्योंकि प्रत्येक कोण 90+BCA)
FC=AC [वर्ग ACFG की भुजाएँ
FCBACE(सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार)

(v) चित्रानुसार ACE और वर्ग CYXE एक ही आधार CE और एक ही समान्तर रेखाओं CE तथा AX के बीच स्थित हैं अत:
ar(ACE)=12ar(CYXE)12ar(CYXE)=ar(ΔFCB)ar(CYXE)=2ar(ΔFCB)  [भाग (iii) के अनुसार] इति सिद्धम्।

(vi) वर्ग ACFG और BCF एक ही आधार CF और एक ही समान्तर रेखाओं CF और BG के बीच स्थित हैं 
अतः
ar(BCF)=12ar(ACFG)
ar(ΔFCB)=12ar(CYXE)
12ar(CYXE)=12ar(ACFG)

(vii)
ar(CYXE)=ar(ACFG).ar(BCED)=ar(BYXD)+ar(CYXE)=ar(ABMN)+ar(ACFG)[ [भाग (iii) तथ 
[भाग (iii) तथा भाग (vi) से] इति सिद्धम।

No comments:

Post a Comment

Contact Form

Name

Email *

Message *