प्रश्नावली 7(A)
प्रश्न 1.
चतुर्भुज ACBD में, AC=AD है और AB कोण A को समद्विभाजित करता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि △ABC≅△ABD हैं।
BC और BD के बारे में आप क्या कह सकते हैं ?
हल :
दिया है : ACBD एक चतुर्भुज है, जहाँ AC=AD तथा AB कोण ∠A को समद्विभाजित करता है।
सिद्ध करना है : △ABC≅ΔABD
उपपत्ति : △ABC तथा △ABD में,
AB=AB (उभयनिष्ठ)
∠BAC=∠BAD(दिया है)
AC=AD (दिया है)
△ABC≅△ABD(SAS सर्वासमता)
BC=BD. (सवांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
प्रश्न 2.
ABCD एक चतुर्भुज है, जिसमें AD=BC और ∠DAB=∠CBA है (देखिए आकृति)। सिद्ध कीजिए कि
हल :
दिया है : ABCD एक चतुर्भुज है जिसमें AD=BC तथा ∠DAB=∠CBA
सिद्ध करना है : (i) △ABD≅△BAC
(ii) BD=AC
(iii) ∠ABD=∠BAC.
उपपत्ति : △ABD तथा △BAC में,
AB=BA(उभयनिष्ठ)
∠DAB=∠CBA(दिया है)
AD=BC(दिया है)
△ABD≅△BAC(SAS सर्वांगसता से)
BD=AC(सर्वांगसम त्रिभुजों की संगत भुजाएँ)
∠ABD=∠BAC(सकांगसम त्रिभुजों के संगत कोण)
प्रश्न 3.
एक रेखाखण्ड AB पर AD और BC दो बराबर लम्ब रेखाखण्ड हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि CD, रेखाखण्ड AB को समद्विभाजित करता है।
हल :
दिया है : रेखाखण्ड AB पर AD तथा BC दो बराबर लम्ब रेखाखण्ड हैं।
उपपत्ति : △AOD तथा △BOC में,
∠DAO=∠CBO=90∘(दिया है)
∠AOD=∠BOC( शीर्षाभिमुख कोण)
BC=AD(दिया है)
△AOD≅△OBC(ASA सर्वांगमता)
OA=OB(सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
अतः CD रेखाखण्ड AB को समद्विभाजित करता है। इति सिद्धम्।
प्रश्न 4
l और m दो समान्तर रेखाएँ हैं जिन्हें समान्तर रेखाओं p और q का एक अंन्य युग्म प्रतिच्छेदित करता है (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि △ABC≅△CDA है।
हल :
दिया है : l तथा m दो समान्तर रेखायें हैं जिन्हें समान्तर रेखाओं p तथा q का एक अन्य युग्म प्रतिच्छेदित करता है।
सिद्ध करना है : △ABC≅△CDA
उपपत्ति : △ABC तथा △CDA, में
∠BAC=∠DCA(एकान्तर कोण)
∠ACB=∠CAD(एकान्तर कोण)
AC=CA(उभयनिष्ठ)
△ABC≅ΔCDA(ASA नियम)
इति सिद्धम!
प्रश्न 5.
रेखों l कोण A को समद्विभाजित करती है और B रेखा l पर स्थित कोई बिन्दु है। BP और BQ कोण A की भुजाओं पर: B से डाले गए लम्ब हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि :
(i) △APB≅ΔAQB
(ii) BP=BQ है, अर्थात् बिन्दु B कोण की भुजाओं से समदूरस्थ है।
हल :
(i) △APB तथा △AQB में
∠APB=∠AQB(प्रत्येक =90∘ )
∠PAB=∠QAB(∵AB,∠PAQ का समद्विभाजक है)
AB=AB(उभयनिष्ठ)
ΔAPB≅△AQB
(ii) BP=PQ(सवांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
अतः B,∠A की भुजाओं से समदूरस्थ हैं।
प्रश्न 6.
आकृति में, AC=AE,AB=AD और ∠BAD=∠EAC है। दर्शाइए कि BC=DE है।
हल :
दिया है : AC=AE,AB=AD
तथा ∠BAD=∠EAC
सिद्ध करना है : BC=DE
उपपत्ति : ∠BAD=∠EAC
दोनों पक्षों में ∠DAC जोड़ने पर,
∠BAD+∠DAC=∠EAC+∠DAC∠BAC=∠DAE∘'
△ABC तथा △DAE में,
∠BAC=∠DAE (ऊपर सिद्ध किया है)
BA=DA (दिया है)
AC=AE (दिया है)
ΔBAC≅ΔDAE(SAS सवीगसमता नियम से)
BC=DE इति सिद्धम।
प्रश्न 7.
AB एक रेखाखण्ड है और P इसका मध्य-बिन्दु है। D और E रेखाखण्ड AB के एक ही ओर स्थित दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि ∠BAD=∠ABE और ∠EPA=∠DPB हैं। (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि
(i) ΔDAP≅△EBP
(ii) AD=BE.
हल
:AB एक रेखाखण्ड है तथा P इसका मध्य बिन्दु है। D तथा E रेखाखण्ड AB के एक ही ओर स्थित दो बिन्दु इस प्रकार हैं कि
∠BAD=∠ABE∠EPA=∠DPB
सिद्ध करना है : (i) △DAP≅△EBP
(ii) AD=BE.
उपपत्ति : ∠APE=∠DPB (दिया है)
दोनों पक्षों में ∠EPD जोड़ने पर,
∠APE+∠EPD=∠DPB+∠EPD∠APD=∠BPE
△DAP तथा △EPB में,
∠DAP=∠EBP(दिया है)
∠APD=∠BPE(ऊपर सिद्ध किया जा चुका है)
AP=BP( AB का मध्य बिन्दु P है)
ΔDAP≅△EBP( ASA नियम से)
(ii) अतः AD=BE इति सिद्धम
प्रश्न 8.
एक समकोण त्रिभुज ABC में जिसमें कोण C समकोण है, M कर्ण AB का मध्य-बिन्दु है। C को M से मिलाकर बिन्दु D तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि DM=CM है। बिन्दु D को बिन्दु B से मिला दिया जाता दै (देखिए आकति। दर्शाडए कि
(i) △AMC≅△BMD
(ii) ∠DBC एक 'समकोण' है
(iii) △DBC≅ΔACB
(iv) CM=12AB.
हल :
दियां है : समकोण △ABC में कोण C समकोण है। M कर्ण AB का मध्य बिन्दु है। C को M से मिलाकर बिन्दु D तक इस प्रकार बढ़ाया गया है कि DM=CM है। बिन्दु D को बिन्दु B से मिला दिया जाता है। सिद्ध करना है :
(i) △AMC≅△BMD
(ii) ∠DBC एक समकोण है
(iii) △DBC≅△ACB
(iv) CM=12AB
उपपत्ति : (i) △AMC तथा △BMD में,
AM=BM(दिया है)
CM=DM(दिया है)
∠AMC=∠BMD( शीर्षाभिमुख कोण)
△AMC≅△BMD(SAS नियम)
(ii)∠CAM=∠DBM(C.P.C.T.)
तथा ∠CAM+∠MBC=90∘ (क्योंकि, ∠C=90∘ )
∠DBM+∠MBC=90∘
∠˙DBC=90∘इति सिद्धम्।
(iii) △DBC तथा △ACB′ में,
BC=BC(उभयनिष्ठ)
DB=AC(△BMD≅△AMC, C.P.C.T. )
∠DBC=∠ACB=90∘(ऊपर सिद्ध किया है)
△DBC≅△ACB(SAS नियम)
(iv) क्योकि △DBC≅△ACB
DC=AB
अतः 12DC=12AB
CM=12AB [M, AB तथा DC का मध्यबिन्दु है।]
CM=12AB
इति सिद्धम्।
प्रश्न 9.
एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC में, जिसमें AB=AC है, ∠B और ∠C के समद्विभाजक परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेदन करते हैं। A को O से जोड़िए। दर्शाइए कि
(i) OB=OC
(ii) AO कोण A को समद्विभाजित करता है।
हल : दिया है : एक समद्विबाहु △ABC में
AB=AC
∠B तथा ∠C के समद्विभाजक परस्पर बिन्दु O पर प्रतिच्छेदन करते हैं।
A को O से जोड़ा।
सिद्ध करना है : (i) OB=OC
(ii) AO कोण A को समहिभाजित करता है।
उपपत्ति : (i)∠ABC=∠ACB
12∠ABC=12∠ACB∠OBC=∠OCBOB=OC
(ii) △AOB तथा △AOC में,
OB=OC(ऊपर सिद्ध किया है)
AB=AC(दिया है)
OA=AO(उभयनिष्ठ)
△AOB≅△AOC(SSS नियम)
∠OAB=∠OAC(सर्वांगसम त्रिभुर्जों के संगत भाग)
अत: AO कोण A को समद्विभाजित करता है। इति सिद्धम ।
प्रश्न 10.
△ABC में AD भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है। (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि △ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें AB=AC है।
हल :
दिया है : △ABC में AD भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक है।
सिद्ध करना है : △ABC एक समद्विबाहु Δ है जिसमें AB=AC.
उपपत्ति : △ABD तथा △ACD में,
DB=DC(दिया है)
∠ADB=∠ADC=90∘
AD=AD(उभयनिष्ठ)
△ABD≅△ACD(SAS सवांगसता' के नियम से)
AB=AC[CPCT नियम]
अतः △ABC एक समद्विबाहु Δ है। इति सिद्धम्।
प्रश्न 11
ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें बराबर भुजाओं AC और AB पर क्रमशः शीर्षलम्ब BE और CF खींचे गए हैं। दर्शाइए कि ये शीर्षलम्ब बराबर हैं।
हल :
दिया है : ABC समद्विबाहु Δ है जिसमें बराबर भुजाओं AC तथा AB पर क्रमशः लम्बशीर्ष BE तथा CF खींचे गये है।
सिद्ध करना है : 'लम्बशीर्ष BE= लम्बशीर्ष CF.
उपपत्ति : △ABE तथा △ACF में,
∠A=∠A(उभयनिष्ठ)
∠AEB=∠AFC=90∘(दिया है)
AB=AC(दिया है)
△ABE≅△ACF(AAS सवांगसमता के नियम से)
BE=CF(संवांगस त्रिभुजों के संगत भाग)
इति सिद्धम ।
प्रश्न 12.
ABC एक त्रिभुज है जिसमें AC और AB पर खींचे गए शीर्षलम्ब BE और CF बराबर हैं (देखिए आकृति) । दर्शाइए कि
(i) △ABE≅△ACF
(ii) AB=AC, अर्थात △ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल :
ABC एक Δ है जिसमें AC तथा AB पर खींचे गये शीर्षलम्ब BE तथा CF बराबर हैं। सिद्ध करना है : (i) △ABE≅△ACF
(ii) AB=AC या △ABC एक समद्विबाहु Δ है।
उपपत्ति : (i) △ABE तथा △ACF में,
BE=CF(दिया है)
∠A=∠A(उभयनिष्ठ)
∠AEB=∠AFC=90∘(दिया है)
ΔABE≅△ACF(AAS सवांगसमता के नियम से)
(ii)AB=AC(सवांगसम त्रिभुर्जों के संगत भाग)
अतः △ABC एक 'समद्विबाहु Δ है। इति सिद्धम्।
प्रश्न 13
ABC और DBC समान आधार BC पर स्थित दो समद्विबाहु त्रिभुज हैं (देखिए आकृति)। दर्शाइए कि ∠ABD=∠ACD है।
हल :
दिया है : △ABC तथा △DBC समान आधार BC पर स्थित दो समद्विबाहु त्रिभुज हैं।
सिद्ध करना है : ∠ABD=∠ACD
उपपत्ति : △ABC में, (दिया है)
∠ABC=∠ACB …(i) (समद्विबाहु Δ प्रमेय से )
△DBC में, BD=CD (दिया है)
∠DBC=∠DCB...(ii)
समी. (i) व (ii) को जोड़ने पर,
∠ABC+∠DBC=∠ACB+∠DCB
अत:∠ABD=∠ACD
प्रश्न 14
ABC सक समद्विबाहु त्रिभुज है, जिसमें AB=AC है। भुजा BA बिन्दु D तक इस प्रकार बढ़ाई गई है कि AD=AB है (देखिए आकृति) । दर्शाइए कि ∠BCD एक समकोण है।
हल :
△ABC में,
AB=AC (दिया है)
∠ACB=∠ABC ...(1)
(: समान भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं)
AB=AD
इसलिए △ADC में,AD=AC (∵AB=AC)
∠ACD=∠ADC............(2)
[∵ समान भुजाओं के सम्मुख कोण बराबर होते हैं]
समीकरण (1) तथा (2) को जोड़ने पर,
∠ACB+∠ACD=∠ABC+∠ADC∠BCD=∠ABC+∠BDC
[∵∠ADC=∠BDC]
2∠BCD=180∘∠BCD=90∘
अतः ∠BCD एक समकोण है।
प्रश्न 15.
ABC एक समकोण त्रिभुज है जिसमें ∠A=90∘ और AB=AC है। ∠B और ∠C ज्ञात कीजिए।
हल :
प्रश्नानुसार एक समकोण त्रिभुज ABC है जिसमें
तथा
∠A=90∘ AB=AC
△ABC में
AB=AC AB=AC
अर्थात् ∠C=∠B...........(i)
[क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं।]
अब पुन: △ABC में,
∠A+∠B+∠C=180∘
[∵∠A=90∘ (दिया है) तथा ∠B=∠C समीकरण (i) से]
2∠B=180∘−90∘2∠B=45∘∠B=45∘∠C=∠B∠C=45∘
प्रश्न 16.
दर्शाइए कि किसी समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60∘ होता है। हल : माना कि एक समबाहु त्रिभुज ABC है।
हल : माना कि एक समबाहु त्रिभुज ABC है।
∴ AB=BC=AC
यदि AB=BC है तो
∠C=∠A................(i)
[क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्पुख कोण हैं।]
पुन: यदि
AB=AC है तो
∠C=∠B.........(ii)
[क्योंकि ये समान भुजाओं के सम्मुख कोण हैं।]
अब 'समीकरण (i) व (ii) से
∠A=∠B=∠C..............(iii)
अब △ABC में,
∠A+∠B+∠C=180∘..........(iv)
(त्रिभुज के कोण के योग गुणधर्म से)
∠A+∠A+∠A=180∘
3∠A=180∘
∠A=60∘
∵ 'समीकरण (iii) से,
∠A=∠B=∠C
∠A=∠B=∠C=60∘
इसका अर्थ है कि समबाहु त्रिभुज का प्रत्येक कोण 60∘ होता है।
प्रश्न 17.
दो समकोण त्रिभुजों में एक त्रिभुज की एक भुजा और एक न्यूनकोण दूसरे त्रिभुज की संगत भुजा और कोण के बराबर है ।सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज सर्वांगसम हैं ।
हल :
दो समकोण त्रिभुज ABC तथा PQR हैं जिनमें
∠B=∠Q=90∘BC=QR∠ACB=∠PRQ
सिद्ध करना है : ΔABC≅ΔPQR
उपपत्ति : △ABC तथा △PQR में,
∠ABC=∠PQR(दोनों 90∘ के है)
∠ACB=∠PRQ(दिया है)
BC=QR (दिया है)
△ABC≅ΔPQR(A.S.A. की सर्वांगसमता से) यही सिद्ध करना था ।
यही सिद्ध करना था ।
प्रश्न 18.
चित्र में, △ABC की दो भुजाएँ AB और BC तथा माध्यिका AD क्रमशः △PQR की भुजाओं PQ, QR तथा माध्यिका PM के बराबर हैं । सिंद्ध कीजिए कि △ABC तथा △PQR सर्वांगसम हैं ।
हल :
दिया है : △ABC और △PQR दो त्रिभुजों में AB=PQ,BC=QR तथा माध्यिका AD=PM.
सिद्ध करना है :
ΔABC≅△PQRBC=QRBC2=QR2BD=QM
पुनः △ABD और △PQM से,
AB=PQ(दिया है)
AD=PM(दिया है)
BD=QM( ज्ञात कर लिया है)
△ABD≅ΔPQM(S.S.S. की सवीगसमता से)
∠B=∠Q...(1)
पुन : △ABC तथा △PQR में,
AB=PQ(दिया है)
BC=QR,(दिया है)
∠B=∠Q(सम्बन्ध (1) से ]
△ABC≅ΔPQR(S.A.S. की सवांगसमता से)
इति सिद्धम् ।
प्रश्न 19.
चित्र में, AB=AC तथा DB=DC सिद्ध कीजिए कि
∠ABD=∠ACD.
हल :
दिया है : △ABC में,
AB=AC
△ABC में एक बिन्दु ऐसा है कि
DB=DC
सिद्ध करना है :
∠ABD=∠ACD
उपपत्ति : बिन्दु D की दो स्थितियाँ हैं ।
(i) एक △ABC के अन्दर ।
(ii) एक ΔABC के बाहर
△ABC में,
AB=AC∠ABC=∠ACB
△BCD में,
DB=DC∠DBC=∠DCB
प्रथम स्थिति में,
समीकरण (1) में से (2) को घटाने पर
∠ABC−∠DBC=∠ACB−∠DCB∠ABD=∠ACD
द्वितीय स्थिति में,
समीकरण (1) तथा (2) को जोड़ने पर
∠ABC+∠DBC=∠ACB+∠DCB∠ABD=∠ACD
प्रश्न 20. चित्र का अवलोकन कीजिए । समझाइये कि बिना नदी को पार किए कोई व्यक्ति किस प्रकार नदी की चौड़ाई ज्ञात कर सकता है ।
हल :
प्रश्नानुसार, चित्र देखकर बिना नदी को प़ार किये नदी की चौड़ाई AB ज्ञात करने के लिए नदी के एक किनारे पर AB के लम्बवत् चलकर कोई दूरी BM लेंगे जिसका मध्य बिन्दु O ज्ञात करेंगे तथा बिन्दु M से एक लम्ब खींचेंगे जिस पर बिन्दु N इस प्रकार लेंगे कि बिन्दु N,O और A एक सीध में हो जाएँ । MN को नाप लेंगे जो नदी की चौड़ाई AB के बराबर होगी ।
प्रमाण : चित्रानुसार,
△ABO और △NMO में,
∠B=∠M∠AOB=∠NOMBO=MO△AOB≅△NOMAB=MN
MN को नाप सकते हैं जो कि नदी की चौड़ाई AB के बराबर होगी ।
प्रश्न 21. सिद्ध कीजिए कि किसी त्रिभुज की भुजाओं के मध्य बिन्दुओं को मिलाने से बनने वाले चार त्रिभुजों में से प्रत्येक त्रिभुज मूल त्रिभुज के समरूप होता है ।
हल : दिया है : माना △ABC की भुजाओं AB,BC तथा AC के मध्य बिन्दु P,R तथा Q हैं ।
सिद्ध करना है : △APQ,△BPR,ΔCQR तथा △PQR चारों △ABC के समरूप हैं ।
रचना : PQ, PR तथा QR को मिलाया ।
उपपत्ति : △APQ तथा △ABC में,
∠APQ=∠ABC
∠AQP=∠ACB
∠A दोनों में उभयनिष्ठ है ।
अतः ΔAPQ≅ΔABC (A.A.A. की सर्वागसमता से) .
इसी प्रकार, सिद्ध किया जा सकता है कि
ΔBPR≅△ABCΔCQR≡△ABCΔPQR≅△ABC
प्रश्न 22. मान लीजिए कि रेखाखण्ड AB और CD बिन्दु O पर इस प्रकार प्रतिच्छेदित करते हैं कि AO=OD और OB=OC है । सिद्ध कीजिए कि AC=BD किन्तु यहाँ यह आवश्यक नहीं है कि AC और BD समान्तर हों ।
हल : दिया है : AB तथा CD रेखाखण्ड बिन्दु O पर प्रतिच्छेदित करते हैं और
OA=OD
OB=OC
सिद्ध करना है :
AC=BD
रचना : AC तथा DB को मिलाया ।
उपपत्ति : △AOC तथा △BOD में,
OA=OD(दिया है) '
OC=OB(दिया हैं)
∠AOC=∠BOD(सम्पुख कोण हैं)
△AOC≅△BODAC=BD
इति सिद्धम् ।
प्रश्न 23. △ABC और △DBC एक ही आधार BC पर बने दो समद्विबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि A और D भुजा BC के एक ही ओर स्थित हैं (देखिए आकृति) । यदि AD बढ़ाने पर BC को P पर प्रतिच्छेद करे, तो दर्शाइए कि
(i) △ABD≅△ACD
(ii) △ABP≅ΔACP
(iii) AP कोण A और कोण D दोनों को समद्विभाजित करता है।
(iv) AP रेखाखण्ड BC का लम्ब समद्विभाजक है।
हल : दिया है : △ABC तथा △DBC एक ही आधार BC पर बने दो समद्विबाहु त्रिभुज इस प्रकार हैं कि A व D भुजा BC के एक ही ओर स्थित हैं। AD बढ़ाने पर BC को P पर प्रतिच्छेदित करता है। सिद्ध करना है : (i) △ABD≅△ACD
(ii) △ABP≅ΔACP
(iii) AP कोण A तथा कोण D दोनों को समह्विभाजित करता है।
(iv) AP रेखाखण्ड BC का लम्ब समदिभाजक है।
उपपत्ति : (i) △ABD तथा △ACD में,
AB=AC(दिया है)
BD=CD(दिया है)
AD=AD(उभयनिष्ठ)
△ABD≅△ACD(SSS सवांगसमता के नियम से)
∠BAD=∠CAD('सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
∴AD या AP कोण A को समद्विभाजित करता है। इति सिद्धम्।
(ii) △ABP तथा △ACP में,
∠BAP=∠CAP(ऊपर सिद्ध किया है)
AB=AC(दिया है)
AP=AP(उभयनिष्ठ)
△ABP≅△ACP(SAS नियम) इति सिद्धम्।
(iii) △BPD तथा △CPD में,
PD=PD(उभयनिष्ठ)
BD=CD(दिया है)
BP=CP(ऊपर सिद्ध किया है)
△BPD≅ΔCPD(SSS नियम से)
∠BDP=∠CDP
क्योंकि BP=CP
∴AP,∠A तथा ∠D को समद्विभाजित करता है।
(iv) : ∠APB=∠APC (समांगसम' त्रिभुजों के सगत भाग)
लेकिन ∠APB+∠APC=180∘ (रेखिक युग्म)
∴ ∠APB= समकोण त्रिभुज
∴ AP⊥BC
or BP=PC (सवांगसम त्रिभ्जों के संगत भाग)
अतः AP रेखाखण्ड BC का लम्ब समद्विभाजक है।
प्रश्न 24. AD एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC का एक शीर्षलम्ब है, जिसमें AB=AC है। दर्शाइए कि (i) AD रेखाखण्ड BC को समद्विभाजित करता है। (ii) AD कोण A को समद्विभाजित करता है।
हल :
दिया है : (i) AD एक समद्विबाहु △ABC का एक लम्बशीर्ष है जिसमें AB=AC सिद्ध करना है : AD रेखाखण्ड BC को समद्विभाजित करता है।
(ii) AD कोण ∠A को समद्विभाजित करता है।
उपपत्ति : △ABC में,
AB=AC,
∠B=∠C
(समान भुजाओं के सम्मुख कोण समान होते हैं)
△ABD तथा △ACD में,
AD=AD(उभयनिष्ठ)
AB=AC(दिया है)
∠ADB=∠ADC(प्रत्येक 90∘ )
△ABD≅△ACD(R.H.S. नियम)
BD=CD(सर्वांगसम त्रिभुर्जों के संगत भाग)
∠BAD=∠CAD
इस प्रकार (i) AD,BC को समाद्वियाजित करता है,
(ii) AD,∠A समद्विभाजित करता है।
प्रश्न 25. एक त्रिभुज ABC की दो भुजाएँ AB और BC तथा माध्यिका AM क्रमशः एक-दूसरे त्रिभुज की भुजाओं PQ और QR तथा माध्यिका PN के बराबर हैं (देखिए आकृति) । दर्शाइए कि
(i) △ABM≅ΔPQN
(ii) △ABC≅ΔPQR
हल : (i) △ABC तथा △PQR में,
AB=PQ (दिया है)
BC=QR(दिया है)
AM=PN(दिया है)
चूँकि AM तथा PN क्रमशः △ABC तथा. △PQR की माध्यिकाएँ हैं।
अब, B C=Q R(दिया है)
12BC=12QR
BM=QN...........(i)
अब, △ABM तथा △PQN में,
AB=PQ(दिया है)
BM=QN(समी. (i) से)
AM=PN(दिया है)
∴ भुजा-भुजा-भुजा सव्वांगसम' गुणधर्म से,
ΔABM≅△PQN
(ii) △ABC तथा △PQR में,
AB=PQ∠B=∠QBC=QR△ABC≅△PQR
प्रश्न 26. BE और CF एक त्रिभुज ABC के दो बराबर शीर्षलम्ब हैं। RHS सर्वांगसमता' नियम का प्रयोग करके सिद्ध कीजिए कि △ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
हल : प्रश्नानुसार त्रिभुज की रचना कर अब △BEC और △CFB में
∠BEC=∠CFB [प्रत्येक 90∘ ]
[क्यांकि BE⊥AC और CF⊥AB]
˙BC=BC (उभयनिष्ठ भुजा)
BE=CF (दिया है)
ΔBEC≅ΔCFB
[सर्वागसमता के नियम RHS से]
EC=FB ...(i)
[क्योंकि ये सर्वागसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
अब पुनः △AEB तथा △AFC में,
∠AEB=∠AFC [प्रत्येक 90∘ (दिया है)]
∠A=∠A(उभयनिष्ठ कोण)
EB=FC(दिया है)
ΔAEB≅ΔAFC(सर्वांगसमता के नियम AAS के अनुसार)
AE=AF…(ii)
(सर्वांगसम त्रिभुजों के संगत भाग)
अब समींकरण (i) व (ii) को जाड़ने पर
या
EC+AE=FB+AF
AC=AB
अब △ABC में हमें प्राप्त है
AB=AC
अर्थात् △ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है।
प्रश्न 27. ABC एक समद्विबाहु त्रिभुज है जिसमें AB=AC है। AP⊥BC खींचकर दर्शाइए कि ∠B=∠C है।
हल : दिया है : चित्रानुसार एक समद्विबाहु त्रिभुज ABC है। जिसमें AB=AC.
सिद्ध करना है :
∠B=∠C
रचना : भुजा BC पर लम्ब AP खीचा।
उपपत्ति : △ABP तथा △ACP में,
∠APB=∠APC[प्रत्येक कोण 90∘ ] (रचना से)
AB=AC(दिया है)
AP=AP(उभयनिष्ठ भुजाएँ)
△ABP≅△ACP('सर्वांगसम के नियम RHS के अनुसार)
∠B=∠C[क्योंकि ये सर्वागसम त्रिभुजों के संगत भाग हैं]
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