प्रश्नावली 6(C)
प्रश्न 1.
चित्र में, m‖n और ∠1 तथा ∠2 में 3: 2 का अनुपात है । ∠1 से ∠8 तक के सभी कोणों का मान ज्ञात कीजिए ।
हल :
∠1:∠2=3:2
समानुपाती भागों का योग =3+2=5
∠1+∠2=180∘∠1=35×180=3×36=108∘∠2=25×180=2×36=72∘
∠3=∠1=108∘, (∵ शीषारिमुख कोण हैं)
∠4=∠2=72∘(:: शोर्षाभिपुख कोण हैं)
∠5=∠7=∠1=108∘
∠6=∠8=∠2=72∘
∠1=∠3=∠5=∠7=108∘
∠2=∠4=∠6=∠8=72∘
प्रश्न 2.
चित्र में, यदि m‖n और ∠4−∠6=30∘, तो ∠1 से ∠8 तक के सभी कोणों का मान ज्ञात. कीजिए ।
हल :
m || n
∠4−∠6=30∘m‖n∠4+∠6=180∘
सम्बन्ध (1)+(2) से,
2∠4=210
∠4=2102=105∘
समीकरण (2) से,
105∘+∠6=180∘∠6=180∘−105∘=75∘∠1=180∘−∠4=180∘−105∘=75∘∠1=∠3=∠6=∠8=75∘∠2=∠4=∠5=∠7=105∘.
प्रश्न 3.
चित्र में, p‖q और ∠3:∠8=1:3 तो ∠1 से ∠8 तक के सभी कोणों का मान ज्ञात कीजिए ।
हल :
p‖q
∠3:∠8=1:3
∠3+∠8=180∘
समानुपाती भागों का योगफल =1+3=4
∠3=14×180∘=45∘∠8=34×180∘=3×45∘=135∘∠2+∠3=180∘∠2+45∘=180∘∠2=180∘−45∘=135∘
∠1=∠3=∠5=∠7=45∘∠2=∠4=∠6=∠8=135∘
प्रश्न 4.
चित्र में, यदि ∠2=∠8=70∘ और ∠3=110∘ तंब दिखाइये कि m‖n और p ॥ q.
हल :
∠2=∠8=70∘
तथा ∠3=110∘
तब ∠4=∠8=70∘
∠6=∠8=70∘∠3=∠7=4.80∘−∠8=180∘−70∘=110∘
∠2+∠3=70∘+110∘=180∘∠6+∠7=70∘+110∘=180∘m‖⋅n∠1+∠6=∠7+∠6=110∘+70∘=180∘∠3+∠8=110∘+70∘=180∘l‖m.
प्रश्न 5.
चित्र में, AB‖CD और AD‖CB तो सिद्ध कीजिए कि ∠DAB=∠DCB.
हल :
AB‖CD
तथा AD‖CB
AD‖CB, तब
∠ADC+∠DCB=180∘∠DCB=180∘−∠ADC...................(1)
AB‖DC, तब
∠ADC+∠DAB=180∘∠DAB=180∘−∠ADC...................(2)
समीकरण (1) तथा (2) से,
∠DCB=∠DAB
अतः ∠DAB=∠DCB
प्रश्न 6.
चित्र में AB‖CD और AB और CD के मध्य एक बिन्दु E स्थित है । दर्शाइये कि ∠ABE+∠BED+∠CDE=360∘
हल :
PQ ॥ AB खींची.
∵ AB‖CD
तब ∠ABG=180∘
∠ABE+∠GBE=180∘
∵ ∠BEP=∠GBE
∠ABE+∠BEP=180∘...............(1)
∠CDF=180∘
∠CDE+∠EDF=180∘∠EDF=∠PED∠CDE+∠PED=180∘..............(2)
समीकरण (1) + समीकरण (2) से,
∠ABE+∠CDE+(∠BEP+∠PED)=180∘+180∘∠ABE+∠CDE+∠BED=360∘∠ABE+∠BED+∠CDE=360∘
प्रश्न 7.
चित्र में, ∠B=93∘ और ∠C=87∘ तो सिद्ध कीजिए कि AB‖CD‖EF तथा BC‖DE.
हल :
∠ABC+∠CDE=93∘+(360∘−273∘)
=93∘+87∘=180∘∠BCD+∠DEF=87∘+(360∘−267∘)=87∘+93∘=180∘
AB‖CD‖EF
∠ABC+∠BCD=93∘+87∘=180∘∠CDE+∠DEF=(360∘−273∘)+(360∘−267)∘=87∘+93∘=180∘BC‖DE.
प्रश्न 8.
यदि दो समान्तर रेखाओं को एक तिर्यक् छेदी रेखा काटे, तो सिद्ध कीजिए कि एकान्तर अन्तःकोणों के अर्द्धक समान्तर होंगे ।
हल :
प्रश्नानुसार, माना AB‖CD तथा तिर्यक् छेदी रेखा l इनको P तथा Q पर काटती है 1∠APQ तथा ∠PQD के अर्द्धक क्रमशः PR तथा QS हैं ।
सिद्ध करना है : PR‖QS.
उपपत्ति : ∠QPR=12∠APQ............(1)
∠PQS=12∠PQD
∠PQS=12∠APQ...............(2)
[∵∠PQD=∠APQ एकान्तर कोण हैं]
समीकरण (1) तथा (2) से,
∠QPR=∠PQS
रेखा QS तथा PR को तिर्यक् रेखा l काट रही है जिससे बने एकान्तर कोण, ∠QPR और ∠PQS बराबर हैं।
∴ QS‖PR
प्रश्न 9.
यदि दी हुई दो समान्तर रेखाओं में से एक पर कोई रेखा लम्ब हो, तो सिद्ध कीजिए कि यह दूसरी रेखा पर भी लम्ब होगी ।
हल :
प्रश्नीनुसार, माना AB‖CD है और EF⊥AB जो AB को P तथा CD को Q पर काटती है ।
सिद्ध करना है : ∠PQD=90∘
या EF⊥CD
उपपत्ति : ∠PQD=∠EPB
∠PQD=90∘
अत: EF,CD पर लम्ब है ।
प्रश्न 10.
यदि दो रेखाओं को एक तिर्यक् छेदी रेखा काटे तथा बनने वाले दो संगत कोणों के अर्द्धक समान्तर हों, तो सिद्ध कीजिए कि दी हुई रेखाएँ समान्तर हैं ।
हल :
माना दो रेखाओं AB और CD को तिर्यक्छेदी रेखा EM क्रमशः G वा Hi पर काट रही है । किरण G˙P और HQ क्रमशः ∠AGE तथा ∠CHG के ऐसे अर्द्धक हैं कि GP‖HQ.
सिद्ध करना है : AB‖CD.
उपपत्ति : ∠EGP=12∠AGE [∵GP,∠AGE का अर्द्धक है]
और ∠GHQ=12∠CHG[∵HQ,∠CHG का अर्द्धक है]
∴ ∠EGP=∠GHQ
∴ 12∠AGE=12∠CHG
या ∠AGE=∠CHG
यहाँ रेखाओं AB और CD को 'तिर्यक्छेदी रेखा EF काट रही है तथा इनके संगत कोण, ∠AGE और ∠CHG बराबर हैं।
अत: AB‖CD
प्रश्न 11.
यदि एक कोण की भुजाएँ, दूसरे कोण की भुजाओं के क्रमशः समान्तर हों, तो सिद्ध कीजिए कि दोनों कोण या तो बराबर होंगे या सम्पूरक 1
हल :
दिया है : दो ∠ABC तथा ∠PQR तथा AB‖PQ,BC‖QR.
सिद्ध करना है :
∠ABC=∠PQR
या
∠ABC+∠PQR=180∘.
उ़पपत्ति : ∵BC‖QR और PQ एक तिर्यक् रेखा है ।
∠PDC=∠PQR …(1)
∵ A B || PQ और BC एक तिर्यक् रेखा है ।
∠ABC=∠PDC.................(2)
समीकरण (1) व (2) से,
∠ABC=∠PQR
पुन: दूसरे चित्र से,
∵BC‖QR तथा AB एक तिर्यक् रेखा है ।
∴∠AEQ=∠ABC...............(3)
∵AB‖PQ और QR एक तिर्यक् रेखा है ।
∠AER=∠PQR....................(4)
समीकरण (3) तथा (4) को जोड़ने पर,
∴ या
∠AEQ+∠AER=∠ABC+∠PQR180∘=∠ABC+∠PQR,
अतः ∠ABC+∠PQR=180∘
∠ABC=∠PQR
प्रश्न 12.
चित्र में, m तथा n दो समतल दर्पण हैं । यदि आपतित किरण CA ॥ परावर्तित किरण BD, तो दर्शाइये कि m‖n.
हल :
दिया है : दर्पण m ॥ दर्पण n तथा दर्पण m के लिए CA आपतित किरण और BD दर्पण n के लिए परावर्तित किरण है ।
सिद्ध करना है : CA‖BD.
उपपत्ति : AX तथा BY क्रमशः दर्पण m तथा n पर लम्ब हैं ।
∵AX‖BY और AB तिर्यक् रेखा है ।
∴∠XAB=∠YBA....................(1)
परावर्तन के नियम से,
∠CAX=∠XAB....................(2)
∠ABY=∠DBY................(3)
समीकरण (1), (2), (3) से,
∠CAX=∠XAB=∠ABY=∠DBY
∴∠CAX+∠XAB=∠ABY+∠DBY
या ∠CAB=∠ABD
यह कोण CA तथा BD से तिर्यक् रेखा AB द्वारा बने कोण एकान्तर कोण हैं ।
∴ CA‖BD.
प्रश्न 13.
चित्र में, AB‖CE और AE‖CD, तो सिद्ध कीजिए कि
∠BAE=∠DCE
हल :
दिया है: AB‖CE और AE‖CD.
सिद्ध करना है :∠BAE=∠DCE.
'उपपत्ति : AE‖CD,EC एक तिर्यक् रेखा है
∴∠PEQ=∠PCD....................(1)
AB‖CE तथा AQ एक तिर्यक् रेखा है ।
∠BAE=∠PEQ...............(2)
समीकरण (1) तथा (2) से,
∠BAE=∠PCD या ∠DCE
अतः ∠BAE=∠DCE
प्रश्न 14.
दी गई आकृति में सिद्ध कीजिए कि AB‖CF.
हल :
दिया है : ∠CEP=42∘,∠CPE=48∘.
सिद्ध करना है : AB II CF.
उपपत्ति : △CEP में
∠PCE+∠CEP+∠CPE=180∘∠PCE+42∘+48∘=180∘∠PCE=180∘−90∘=90∘∠FCP=180∘−∠PCE=180∘−90∘=90∘
अब FE रेखा BD पर लम्ब है ।
∴∠ABD=90∘
अतः AB‖FC.
प्रश्न 15.
संलग्न आकृति में x और y के मान ज्ञात कीजिए और फिर दर्शाइए कि AB‖CD है।
हल :
∵ x+50∘=180∘ (रेखीय युग्म से)
x=180∘−50∘
=130∘
y=130∘ (शीर्षाभिमुख कोण)
x=y=130∘
रेखाओं AB और CD के लिए ये एकान्तर कोण हैं।
अतः AB‖CD
प्रश्न 16.
संलग्न आकृति में, यदि AB‖CD,CD‖EF और y:z=3:7 है, तो x का मान ज्ञात कीजिए।
हल :
AB‖CD
x+y=180∘
(एक ही ओर के अन्तःकोणों का योग 180∘ होता है)
AB‖CD तथा CD′‖EF
AB‖EF तब x=zy+z=180∘ तथा y:z=3:7yz=37
y=3z7z+3z7=1807z+3z=180×7=10zz=126∘x=z तब x=126∘.
प्रश्न 17.
संलग्न आकृति में, यदि AB‖CD,EF⊥CD और ∠GED=126∘ है, तो ∠AGE,∠GEF और ∠FGE ज्ञात कीजिए।
हल :
∠DEF=90∘ and∠GED=126∘
∠DEF+∠GEF=126∘
90∘+∠GEF=126∘∠GEF=126∘−90∘=36∘
∠AGE=∠GEF+∠EFG (बाह्य कोण प्रमेय से)
∠EFG=∠FED(समान्तर कोण)
∠FED=90∘∠EFG=90∘∠AGE=36∘+90∘=126∘
∠AGE+∠EGF=180∘ (रैखिक युग्म से)
26∘+∠EGF=180∘∠EGF=180∘−126∘=54∘∠AGE=126∘,∠GEF=36∘∠FGE=54∘
प्रश्न 18.
संलग्न आकृति में, यदि PQ‖ST,∠PQR=110∘ और ∠RST=130∘ है, तो ∠QRS ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : PQ‖ST,∠PQR=110∘,∠RST=130∘
ज्ञात करना है : ∠QRS.
रचना : RK‖ST ख्खीची।
ST‖RK
∠TSR+∠KRS=180∘, (एक ही ओर के अन्तःकोणों का योग 180∘ होता है)
लेकिन ∠TSR=130∘
130∘+∠KRS=180∘∠KRS=180∘−130∘=50∘
पुनः PQ‖RK चूंकि PQ‖ST
∴
∠PQR=∠QRK110∘=∠QRS+∠SRK110∘=∠QRS+50∘∠QRS=60∘.
प्रश्न 19.
संलग्न आकृति में, यदि AB‖CD,∠APQ=50∘ और ∠PRD=127∘ है, तो x और y ज्ञात कीजिए।
हल :
दिया है : AB‖CD
∴ x=50∘(एकान्तर कोण)
x+y=127∘ (बाह्य कोण प्रमेय से)
50+y=127∘y=127∘−50∘=77∘x=50∘ and y=77∘.
प्रश्न 20.
आकृति में, PQ और RS दो दर्पण हैं जो एक-दूसरे के समान्तर रखे गए हैं। एक आपतन किरण (incident ray) AB, दर्पण PQ से B पर 'टकराती है और परावर्तित किरण (reflected ray) पथ BC पर चलकर दर्पण RS से C पर टकराती है तथा पुन: CD के अनुदिश परावर्तित हो जाती है। सिद्ध कीजिए कि AB‖CD है।
हल :
दिया है : प्रश्न में दी गई आकृति में PQ और RS दो दर्पण हैं जो एक-दूसरे के समान्तर हैं। एक आपतन किरण AB, दर्पण PQ से B पर टकराती है। CD एक परावर्तित किरण है जो दर्पण RS से परावर्तित' होती है।
सिद्ध करना है : AB⋅‖CD
उपपत्ति : ∵ हम ज़ानते हैं कि आपतन कोण = परावर्तन कोण
∴∠1=∠2 और ∠3=∠4..............(1)
[यहाँ ∠1 आपाती किरण AB है और अभिलम्ब BL है।]
∴∠1 एक आपतन कोण है, ∣∠2 परावर्तित्त किरण BC और अभिलम्ब BL के बीच स्थित है। अतः ∠2 परावर्तित कोण है। इंसी प्रकार ∠3 और ∠4 क्रमशः आपतन कोण और परावर्तित कोण हैं।
∴PQ′‖RS तथा BL⊥PQ पर
तथा B˙L‖CM तथा CM⊥RS प़र
अब समान्तर रेखाएँ BL और CM हैं। एक तिर्यक रेखा BC इनको प्रतिच्छेदित करती है।
∠2=∠3 (एकान्तर कोण हैं) ...(i)
अब ∠ABC=∠1+∠2
या ∠ABC=∠2+∠2 [क्योंकि ∠1=∠2 ]
∠ABC=2∠2
∠BCD=∠3+∠4
∠BCD=∠3+∠3 [क्योंकि ∠3=∠4]
∠BCD=2∠3
लेकिन समीकरण (i) के अनुसार ∠2=∠3
या 2∠2=2∠3
या ∠ABC=∠BCD
ये एकान्तर कोण हैं तथा BC एक तिर्यक रेखा है।
अत: AB || CD
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