प्रश्नादली 13 (E)
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिये हैं। सही विकल्प चुनिए :
प्रश्न 1.
एक 22 सेमी आंतरिक किनारे वाले खोखले घन को 0.5 सेमी व्यास वाले गोलाकार कंचों से भरा जाता है तथा यह कल्पना की जाती है कि घन का 18 स्थान भरा नहीं जा सकता है, तब घन में समावेशित होने वाले कंचों की संख्या है :
(i) 142244
(ii) 142396
(iii) 142496
(iv) 142596
हल :
दिया है,
घन की भुजा =22 सेमी
∴ घन का आयतन =भुंजा3=(22)3=10648 सेमी 3 एक के कंचे का व्यास =0.5 सेमी
त्रिज्या =0.52=0.25 सेमी
एक कंचे का आयतन
=43πr3=43×227×(0.25)3=1.37521
=0.0655 सेमी 3
∴घन का कंचों से भरा भाग =10648−10648×18
=10648-1331=9317 सेमी 3
अतः कंचों की अभीष्ट संख्या = घन का कंचों से भरा भाग / एक कंचे का आयतन
=93170.0655
=142244 (लगभग)
अत : विकल्प (i) सही है।
उत्तर
अतः विकल्प (i) सही है।
प्रश्न 2.
क्रमशः अंतरिक और बाहरी व्यास 4 सेमी और 8 सेमी वाले एक धातु के गोलाकार खोल को पिघलाकर आधार व्यास 8 सेमी के एक शंकु के आकार में ढाला जाता है। इस शंकु की ऊँचाई है :
(i) 12 सेमी
(ii) 14 सेमी
(iii) 15 सेमी
(iv) 18 सेमी।
हल :
माना गोलीय कोश का आंतरिक व्यास =4 सेमी
गोलीय कोश की अंतरिक त्रिज्या, r1=42=2 सेमी
और गोलीय कोश का बाहरी व्यास =8 सेमी
गोलीय कोश की बाहरी त्रिज्या, r2=82=4 सेमी
∴ गोलीय कोश का आयतन
=43π(r32−r31)=43π(43−23)=43π(64−8)=43π×56=2243π सेमी
∵ गोलीय कोश को पिंघलाकर एक शंकु बनाया गया है। माना.शंकु की ऊँचाई =h सेमी
दिया है, शंकु के आधार का व्यास =8 सेमी
∴ शंकु के आधार की त्रिज्या =82=4 सेमी
प्रश्नानुसार, शंकु का आयतन = गोलीय कोश का आयतन
⇒13πr2h=2243π13π(4)2×h=2243π⇒h=224π×33×16π=22416
=14 सेमी
अतः बेलन की ऊँचाई =14 सेमी
अतः विकल्प (ii) सही है।
प्रश्न 3.
विमाओं 49 सेमी ×33 सेमी ×24 सेमी के घनाम के आकार के लोहे के किसी ठोस टुकड़े को पिंघलाकर एक ठोस गोले के रूप में ढाला जाता है। गोले की त्रिज्या है :
(i) 21 सेमी
(ii) 23 सेमी
(iii) 25 सेमी
(iv) 19 सेमी।
हल :
दिया है, लोहे के टुकड़े की लम्बाई =49 सेमी
चौड़ाई =33 सेमी
ऊँचाई =24 सेमी
∴ लोहे के टुकड़े (घनाम) का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई × ऊँचाई
=49 × 33 × 24=38808 सेमी 3
∵ लोहे के टुकड़े को पिघलाकर गोला बनाया गया है।
माना गोले की त्रिज्या = r सेमी
गोले का आयतन =43πr3
प्रश्नानुसार, गोले का आयतन = लोहे के टुकड़े का आयतन
⇒43πr3=38808⇒43×227r3=38808⇒r3=38808×3×74×22⇒r3=81496888⇒r3=9261⇒r=3√21×21×21
⇒ r=21 सेमी
प्रश्न 4.
कोई मिस्त्री इंटों से विमाओं 270 सेमी ×300 सेमी ×350 सेमी की एक दीवार बनाता है, जिनमें से प्रत्येक इंट की माप 22.5 सेमी ×11.25 सेमी ×8.75 सेमी है। यदि यह मान लिया जाए कि दीवार का 18 भाग मसाले से भरा जाता है, तो दीवार को बनाने में लगी ईंटों की संख्या है :
(i) 11100
(ii) 11200
(iii) 11000
(iv) 11300 .
हल :
दीवार का आयतन =270×300×350 सेमी 3=28350000 घन सेमी
∵ दीवार का 18 वाँ भाग मसाले से ढका है।
∴ दीवार का शेष भाग
=28350000−28350000×18=28350000−3543750
=24806250 सेमी 3
अब, एक ईंट का आयतन =22.5×11.25×8.75=2214.844 सेमी 3
∴अभीष्ट ईंटों की संख्या = दीवार का आयतन (गारे रंहित) / एक इंट का आयतन
=248062502214.844=11200 इंटें (लगभग)
अतः विकल्प (ii) सही है।
प्रश्न 5.
आधार व्यास 2 सेमी और ऊँचाई 16 सेमी वाले धातु के एक ठोस बेलन को पिघलाकर समान माप के बारह ठोस गोले बनाये जाते हैं। प्रत्येक गोले का व्यास है :
(i) 4 सेमी
(ii) 3 सेमी
(iii) 2 सेमी
(iv) 6 सेमी
हल :
दिया है, ∴ बेलन का व्यास =2 सेमी और त्रिज्या =1 सेमी
∴ बेलन की ऊँचाई= 16 सेमी
बेलन का आयतन=πr2h
=π(1)2×16
=16𝛑 सेमी 3
∵ बेलन को पिघलाकर 12 गोले बनाए गए हैं।
माना गोले की त्रिज्या =r सेमी
तब, गोले का आयतन =43πr3
प्रश्नानुसार, 12 गोलों का आयतन = बेलन का आयतन
⇒12×43πr3=16π16πr3=16πr3=1r=1
अतः प्रत्येक गोले का व्यास =2× त्रिज्या
=2×1=2 सेमी
अतः विकल्प (iii) सही है।उत्तर
प्रश्न 6.
तिर्यक ऊँचाई 45 सेमी वाली एक बात्टी के ऊपरी और निचले सिरों की त्रिज्याएँ क्रमशः 28 सेमी और 7 सेमी हैं। इस बात्टी का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल है :
(i) 4950 सेमी 2.
(ii) 4951 सेमी
(iii) 4952 सेमी
(iv) 4953 सेमी
हल :
दिया है,
बाल्टी की ऊपरी त्रिज्या, R=28 सेमी
बाल्टी की तली की त्रिज्या, r=7 सेमी
तिर्यक ऊँचाई =45 सेमी
∴ बाल्टी का 'वक्रपृष्ठीय' क्षेत्रफल =πl(R+r)=π×45(28+7)
=227×45×35=22×45×5
=4950 वर्ग सेमी
अतः विकल्प (i) सही है।
प्रश्न 7.
दवाई का एक कैप्सूल 0.5 सेमी व्यास वाले एक बेलन के आकार का है, जिसके दोनों सिरों पर दो अर्धगोले लगे हुए हैं। सम्पूर्ण कैप्सूल की लम्बाई 2 सेमी है। इस कैप्तूल की धारिता है :
(i) 0.36 सेमी
(ii) 0.35 सेमी
(iii) 0.34 सेमी
(iv) 0.33 सेमी
हल :
दिया है,
बेलन का व्यास = अर्द्धगोलें का व्यास =0.5 सेमी
∴ बेलन की त्रिज्या = अर्द्धगोले की त्रिज्या (r)=0.52 सेमी =0.25 सेमी
और कैप्सूल की लम्बाई =2 सेमी
∴ कैप्सूल के बेलनाकार भाग. की लम्बाई, h=2-(0.25+0.25)=2-0.50=1.5 सेमी
अब, कैप्सूल की धारिता = बेलनाकार भाग का आयतन +2 × अर्द्धगोले का आयतन
=πr2h+2×23πr3=227[(0.25)2×1.5+43×(0.25)3]=227(0.09375+0.0208)=227×0.11455
=0.36 सेमी 3
अतः विकल्प (i) सही है।
प्रश्न 8.
एक ही आधार त्रिज्या r वाले दो ठोस अर्धगोलों को उनके आधारों के अनुदिश जोड़ दिया गया है। तब नये ठोस का वक्रं पृष्ठीय क्षेत्रफल है :
(i) 4πr2
(ii) 6π2
(iii) 3πr2
(iv) 8πr2.
हल :
क्योंकि, अर्द्नगोले का वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल 2πi′ है। यहाँ, हम समान त्रिज्या r के दो अर्द्धगोलों को उनके आधारों से जोड़ते हैं और वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफल के लिए; हम आधार का क्षेत्रफल नहीं लेते हैं।
अर्थात् 2πr2+2πr2=4πr2
अतः विकल्प (i) सही है। उत्तर
प्रश्न 9.
त्रिज्या r सेमी और h सेमी (h>2r) वाले एक लम्ब वृत्तीय बेलन में ठीक समावेशित' होने वाले गोले का व्यास है :
(i) r सेमी
(ii) 2r सेमी
(iii) h सेमी
(iv) 2h सेमी
हल :
चूँकि एक लम्बवृत्तीय बेलन में एक गोला ठीक समावेशित होने पर गोले का व्यास लम्बवृत्तीय बेलन के व्यास के बराबर होगा अर्थात् बेलन का व्यास 2r सेमी के समान होगा।
अतः विकल्प (ii) सही है। उत्तर
प्रश्न 10.
ठोस को एक आकार से दूसरे आकार में बदलने प़र नये आकार का आयतन :
(i) बढ़ जाता है
(ii) घट जाता है
(iii) वही रहता है
(iv) दुगुना हो जाता है।
हल :
एक ठोस को एक-एक आकार से दूसरे आकार में बदलने पर नये आकार का आयतन वही रहता है। अतः विकल्प (iii) सही है।उत्तर
प्रश्न 11.
एक बात्टी के दोनों वृत्ताकार सिरों के व्यास 44 सेमी और 24 सेमी हैं तथा बात्टी की ऊँचाई 35 सेमी है। इस बाल्टी की धारिता है।
(i) 32.7 लीटर
(ii) 33.7 लीटर
(iii) 34.7 लीटर
(iv) 31.7 लीटर
हल :
दिया है, बाल्टी के ऊपरी सिरे का व्यास, d1=44 सेमी
त्रिज्या, R=442=22 सेमी
निचले सिरे का व्यास, d2=24 सेमी
त्रिज्या, r=242=12 सेमी
बाल्टी की ऊँचाई =35 सेमी
बाल्टी की धारिता = शंकु के छिन्नक का आयतन
=13πh[R2+r2+Rr]=13×π×35[(22)2+(12)2+22×12]=35π3[484+144+264]=35π×8923=35×22×8923×7=68684021
=32706.67 सेमी 3
=32.7 लीटर
( 1000 सेमी 3=1 लीटर)
अतः विकल्प (i) सही है।
प्रश्न 12.
एक लम्ब वृत्तीय शंकु में, उसके आधार के समान्तर खींचे गये तल द्वारा काटा गया अनुप्रस्थ-काट होता है एक
(i) वृत्त
(ii) शंकु का छिन्नक
(iii) गोला
(iv) अर्धगोला।
हल :
हम जानते हैं कि, जब एक शंकु को उसके आधार के समान्तर एक तल की सहायता से काटा जाता है, तब आधार के समान्तर खींचे गए तल द्वारा काटा गया अनुप्रस्थ परिच्छेद वृत्त कहलाता है।
अतः विकल्प (i) सही है। उत्तर
प्रश्न 13.
दो गोलों के आयतनों का अनुपात 64:27 है। उनके पृष्ठीय क्षेत्रफलों का अनुपात है :
(i) 3:4
(ii) 4:3
(iii) 9:16
(iv) 16:9.
हल :
माना दोनों गोलों की त्रिज्याएँ क्रमशः r1 व r2 हैं।
r1 त्रिज्या के गोले का आयतन =43πr31............(i)
r2 त्रिज्या के गोले का आयतंन =43πr32.........(ii)
प्रश्नानुसार,
43πr3143πr32=6427
r31r32=6427⇒(r1r2)3=(43)3
r1r2=43
वक्रपृष्ठीय क्षेत्रफलों के अनुपात =4πr214πr22=(r1r2)2
=(43)2=169 या 16: 9
अतः विकल्प (iv) सही है।
प्रश्न 14.
यदि आधार का परिमाप 33 मीटर है, तब शंकु की त्रिज्या होगी :
(i) 212 मी.
(ii) 214 मी.
(iii) 215 मी.
(iv) 21 मी.।
हल : शंकु के आधार का परिमाप, या
r=33×72×22r=214 मी.
अतः विकल्प (ii) सही है।
प्रश्न 15.
अर्ब्द गोलाकार कटोरी की एक कोर की परिधि 132 सेमी है। तब व्यास होगा-
(i) 21 सेमी
(ii) 10.5 सेमी
(iii) 42 सेमी
(iv) 11 सेमी।
हल :
अर्द्ध गोलाकार कटोरी की एक कोर की परिधि =132 सेमी
अर्थात् 2πr=132
r=132×72×22r=21
व्यास =2r=2×21=42 सेमी
.अतः विकल्प (iii) सही है। उत्तर
प्रश्न 16.
एक लकड़ी के ठोस शंकु के आधार की परिधि 44 मीटर और ऊँचाई 9 मी. है। शंकु का आयतन होगा:
(i) 462 मी
(ii) 472 मी
(iii) 452 मी
(iv) 482 मी०
हल:
शंकु के आधार की परिधि, 2πr=44 मी
r=44×72×22=7 मी.
ऊँचाई, h=9 मी.
तब शंकु का आयतन
=13πr2h=13×227×7×7×9
=462 घन मीटर।
अतः |विकल्य (i) सही है।
प्रश्न 17.
किसी गोले के पृष्ठ का क्षत्रफल 616 सेमी 2 है, तब आयतन होगा :
(i) 1796.66 सेमी
(ii) 1438.33 सेमी
(iii) 1447.33 सेमी
(iv) 1437.33 सेमी
हल :
गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल, 4πr2=616
r2=616×74×22=7×7
r=7 सेमी
गोले का आयतन =43πr3
=43×227×7×7×7
=1437.33 घन सेमी।
अतः विकल्प (iv) सही है।उत्तर
प्रश्न 18.
एक शंकु के छिन्नक के सिरों के व्यास 32 सेमी तथा 20 समी हैं। यदि तिर्यक ऊँचाई 10 सेमी हो, तब पार्व तल का क्षेत्रफल होगा :
(i) 275 सेमी
(ii) 260 सेमी 2
(iii) 260π सेमी
(iv) 275π सेमी?
हल :
दिया है,
r1=322=16 सेमी
r2=202=10 सेमी
तिर्यक ऊँचाई, l=10 सेमी
∴ शंकु के पार्श्व तल का क्षेत्रफल
=πl(r1+r2)=π×10(16+10)
=260𝛑 वर्ग सेमी
अतः विकल्प (iii) सही है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 19.
व्यास 3 मिमी. वाले ताँबे के एक तार को 12 सेमी. लम्बे और 10 सेमी. व्यास वाले एक बेलन पर इस प्रकार लपेटा जाता है कि वह बेलन के वक्र पृष्ठ को पूर्णतया' ढक लेता है। तार की लम्बाई और द्रव्यमान ज्ञात कीजिए, यह मानते हुए कि ताँबे का घनत्व 8.88 ग्राम प्रति सेमी. 3 है।
हल :
दिया गया है : तार का व्यास =3 मिमी.
∴ तार एक चक्कर में बेलन की पृष्ठीय मोटाई का 3 मिमी. (अर्थात् 310 सेमी.) स्थान को ढक्ता है। तार की वक्र पृष्ठीय लम्बाई =12 सेमी.
मान लीजिए तार को n बार लपेटा जाता हो, तब
n=123/10=1203=40
अतः तार, बेलन के वक्रपृष्ठ को 40 लपेटों में पूर्णतया ढक लेगा।
तार का व्यास =310 cm
∴ तार की त्रिज्या =310×12 सेमी. =320 सेमी.
दिया है : बेलन का व्यास =10 सेमी.
∴ बेलन की त्रिज्या (r)=102=5 सेमी.
∴ बेलन को एक बार लेपटने के लिए तार की अभीष्ट लम्बाई = परिधि =2πr
=2×π×5 सेमी. =10π सेमी.
बेलन को 40 बार लपेटने के लिए तार की अभीष्ट लम्बाई
=40×10π=400π=400×3.14
=1256 सेमी.
तार का आयतन =πr2h=227×320×320×1256 सेमी. 3 तार का घनत्व =8.88 ग्राम/सेमी. 3
तार का' द्रव्यमान' = तार का आयतन × तार का घनत्व
=[227×320×320×1256]×8.88=227×320×320×1256×888100
=788 ग्राम।
प्रश्न 20.
एक समकोण त्रिभुज, जिसकी भुजाएँ 3 सेमी. और 4 सेमी. हैं (कर्ण के अतिरिक्त ), को उसके कर्ण के परितः घुमाया जाता है। इस प्रकार प्राप्त द्वि-शंकु (double cone) के अयतन और पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए। ( π का मान जो भी उपयुक्त लगे, प्रयोग कीजिए।)
हल :
दिया हैं : समकोण △ABC जिसमें ∠A=90∘ और AB=3 सेमी. और AC=4 सेमी.
∴ कर्ण BC=√32+42=5 सेमी.
चूँकि, दूसरा शंकु कर्ण के परितः घुमाकर बनाया गया है, जिसका आधार AA′ है। इस प्रकार दो शंकु ABA′ और ACA′ बनते हैं।
अब,ADCA=ABCB
∵ΔADB∼ΔCAB
AD4=35
या AB=35×4=125 सेमी.
तथा DBAB=ABCB
या DB3=35
या चूँकि
DB=3×35=95 सेमी.
CD=BC−DB
CD=5−95=165 सेमी.
अब द्वि-शंकु का आयतन
=[13π×(125)295+13π×(125)2×165] सेमी 3
=13π×(125)2[95+165] सेमी. 3
=13π×14425×5 सेमी. 3
=13×314100×14425×5 सेमी 3=30.14 सेमी. 3 ज्त्तर
द्विशांकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल
=(π×125×3)+(π×125×4) सेमी.
2=π×125[3+4] सेमी. 2 =314100×125×7 सेमी. 2=52.75 सेमी. 2
प्रश्न 21.
एक टंकी, जिसके अंतरिक मापन 150 सेमी. ×120 सेमी. ×110 सेमी. हैं, में 129600 सेमी. 3 पानी है। इस पानी में कुछ छिद्र वाली इंटें तब तक डाली जाती हैं, जब तक कि टंकी पूरी ऊपर तक भर न जाए। प्रत्येक इंट अपने आयतन का 117 पानी सोख लेती है। यदि प्रत्येक ईंट की माप 22.5 सेमी. ×7.5 सेमी. ×6.5 सेमी. हैं, तो टंकी में कुल कितनी इटें डाली जा सकती हैं, ताकि उसमें से पानी बाहर न बहे ?
हल :
∵ टंकी के अन्दर की भुजाएँ इस प्रकार हैं :
लम्बाई =150 सेमी, चौड़ाई =120 सेमी और ऊँचाई =110 सेमी. हों, तब
टंकी का आयतन =150×120×110=1980⇔00 सेमी.
टंकी में पानी का आयतन =129600 सेमी. 3
∴ टंकी में खाली स्थान का आयतन =1980000−129600 सेमी. 3
=1850400 सेमी. 3
अब, एक ईंट का आयतन =22.5×7.5×6.5 सेमी.
=22510×7510×6510 cm3=1096.875 सेमी. 3
∴ पानी का आयतन जो एक ईंट सोखती है =117×1096.875 सेमी. 3
माना टंकी में ' x ' इटें डाली जा सकती हैं
∴x ईंटों द्वारा सोखे गये पानी का आयतन =x17×(1096.875 सेमी. 3
∵x-इंटों का आयतन = टंकी में खाली बची जगह +x-इंटों द्वारा सोखे गए पानी का आयतन
∴[x×(1096.875)]=[1850400+x17(1096.875)]
या 1096.875x−x17(1096.875)=1850400
या (x−x17)×1096.875=1850400
1617x=18504001096.875x=18504001096875×1000×1716=1792.4102≈1792
इस प्रकार, टंकी में लगभग 1792 इटें डाली जा सकती हैं। उत्तर
प्रश्न 22.
किसी महीने के 15 दिनों में, एक नदी की घाटी में 10 सेमी. वर्षा हुई। यदि इसे घाटी का क्षेत्रफल 7280 किमी. 2 है, तो दर्शाइए कि कुल वर्षा लगभग तीन नदिरों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य थी, जबकि प्रत्येक नदी 1072 किमी. लम्बी, 75 मी. चौड़ी और 3 मी. गहरी है।
हल :
दिया है :
एक नदी की लम्बाई =1072 किमी
चौड़ाई =751000 किमी
ऊँचाई =31000 किमी
एक नदी का आयतन = लम्बाई × चौड़ाई × ऊँचाई .
तीनों नदियों का आयतन =3 (लम्बाई × चौड़ाई × उँचाई
=3(1072×751000×31000)=3{2412001000000}=7236001000000
=0.7236 किमी. 3.........(1)
15 दिनों में हुई वर्षा का आयतन=क्षेत्रफल × वर्षा की ऊँचाई
=7280×10100×1000=7281000
=728 किमी. 3........(2)
समीकरण (1) तथा (2) से,
∵ कुल वर्षा तीन नदियों के सामान्य पानी के योग के समतुल्य है इति सिद्धम्।
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