प्रश्नावली 10 (D)
प्रश्न 1.
दी हुई आकृति में ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है जिसकी भुजा AB वृत्त का व्यास है । यदि ∠ADC= 120∘ हो, तो ∠CAB का मान ज्ञात कीजिए ।
हल :
चतुर्भुज ABCD चक्रीय चतुर्भुज है ।
∠ABC+∠ADC=180∘∠ABC+120∘=180∘∠ABC=180∘−120∘∠ABC=60∘
अब △ABC अर्द्धवृत्त में स्थित है अतः
△ABC में,
∠ACB=90∘∠CAB=180∘−(∠ABC+∠ACB)=180∘−(60∘+90∘)=180∘−150∘=30∘∠CAB=30∘.
प्रश्न 2.
चित्र में O वृत्त का केन्द्र है 1∠BEC की माप ज्ञात कीजिए ।
हल :
∠BAC=12∠BOC=12×150∘∠BAC=75∘
∵ABEC एक चक्रीय चतुर्भुज है ।
∠BAC+∠BEC=180∘75∘+∠BEC=180∘∠BEC=180∘−75∘∠BEC=105∘
प्रश्न 3.
मान लीजिए कि कोण ABC का शीर्ष एक वृत्त के बाहर स्थित है और कोण की भुजाएँ वृत्त से बराबर जीवाएँ AD और CE काटती हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠ABC जीवाओं AC तथा DE द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोणों के अंतर का आधा है।
हल :
∵ किसी त्रिभुज का बाह्य कोण सम्मुख अन्तः कोणों के योग के बराबर होता है।
∴△BDC के अनुसार,
∠ADC=∠DBC+∠DCB...........(i)
∵ चाप द्वारा केन्द्र पर अंतरित कोण वृत्त के शेष भाग के किसी बिन्दु पर अंतरित कोण का दुगुना होता है।
∠DCE=12∠DOE
∠DCB=12∠EOD[∵∠DCE=∠DCB]
∠ADC=12∠AOC
समीकरण' (i) से,
12∠AOC=∠ABC+12∠DOE[∵∠DBC=∠ABC]∠ABC=12[∠AOC−∠DOE]
इति सिद्धम्।
प्रश्न 4.
सिद्ध कीजिए कि किसी समचतुर्भुज की किसी भुजा को व्यास मानकर खींचा गया वृत्त उसके विकर्णों के प्रतिच्छेद बिन्दु से होकर जाता है।
हल :
दिया है : ABCD एक समचतुर्भुज है। AC तथा BD इसके दो विकर्ण हैं जो कि एक-दूसरे को समकोण पर काटते है।
सिद्ध करना है : AB को व्यास लेते हुए बनाया गया वृत्त O से होकर गुजरेगा। रचना : O से PQ‖AD तथा EF‖AB खींची।
उपपत्ति :
AB=DC12AB=12DC
AQ=DP[∵Q तथा P,AB तथा CD के मध्य बिन्दु है]
AE=OQAQ=OQ=QB
⇒Q को केन्द्र लेते हुए बनाया गया वृत्त A,O तथा B से होकर गुजरता है और इसकी त्रिज्या AQ है। इसलिए प्राप्त किया गया वृत्त ही अभीष्ट वृत्त है।
प्रश्न 5.
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है। A,B और C से जाने वाले वृत्त CD (यदि अंवश्यक हो तो बढ़ाकर) को E पर प्रतिच्छेद करता है। सिद्ध कीजिए कि AE=AD है।
हल :
आकृति (a) में,
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
∠1=∠3.........(i)
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∠1+∠6=180∘ .........(ii)
∠5+∠6=180∘ (रैखिक युग्म)...(iii)
(ii) और (iii) से
∠1=∠5........(iv)
अब, (i) और (iv) से
∠3=∠5
अब, △AED में,
∠3=∠5
AE=AD (∵त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ)
आकृति (b) में,
ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
⇒ ∠1=∠3∠2=∠4
(समान्तर चतुर्भुज के सम्मुख कोण)
साथ ही AB||CD और BC इनको मिलती है।
∠1+∠2=180∘............(1)
और AD||BC और EC इनको मिलती है।
∠5=∠2(संगत कोण)...(2)
ABCE एक चक्रीय चतुर्भुज है
∠1+∠6=180°...........(3)
(1) और (3) से हमें प्राप्त होता है :
∠1+∠2=∠1+∠6∠2=∠6
परन्तु (2) से,
∠2=∠5∠5=∠6
अब ΔAED में,
∠5=∠6AE=AD
अतः दोनों स्थितियों में,
AE=AD
प्रश्न 6
AC और BD एक वृत्त की जीवाएँ हैं जो परस्पर समद्विभाजित करती हैं। सिद्ध कीजिए (i) AC और BD व्यास हैं, (ii) ABCD एक आयत है। .
हल :
मान लीजिए वृत्त की जीवाएँ AC और BD परस्पर O पर समद्दिभाजित करती हैं।
तो OA=OC और OB=OD
हमें सिद्ध करना है कि (i) AC′ और BD व्यास हैं, दूसरों शब्दों में, वृत्त का केन्द्र O है।
△AOD और △BOC में,
AO=OC (दिया है)
∠AOD=∠BOC( शीर्षाभिमुख कोण)
OD=OB(दिया है)
△AOD≅△BOC (सर्वांगसमता के नियम SAS के अनुसार)
AD=CB△AOB≅△CODAB=CD⏜AB≅⏜CD⏜AB+⏜BC⏜ABC=⏜CD+⏜BCAC=BCD=BD
∴AC और BD व्यास हैं। क्योंकि केवल व्यास ही, वृत्त की जीवाओं के रूप में परस्पर समद्विभाजित करते हैं।
(ii) के लिए (i) में जैसा कि सिद्ध हुआ :
AC व्यास है।
∴∠B=∠D=90°....(1) [अर्धवृत्त का कोण समकोण होता है]
इसी प्रकार BD व्यास है :
∴ ∠A=∠C=90∘........(2)
अब व्यासAC=BD
⏜AC=⏜BD
⏜AC−⏜DC≅⏜BD−⏜DC⏜AD≅~BCAD≅BC.......(3)
[बराबर जीवाओं की संगत-चाप बराबर होती हैं]
AB=DC..........(4)
(1), (2), (3) और (4) से हम देखते हैं कि चतुर्भुज का प्रत्येक कोण 90∘ का है तथा सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं।
अत:, ABCD एक आयत है।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 7.
एक त्रिभुज ABC के कोणों A,B और C कें समद्विभाजक इसके परिवृत्त को क्रमशः D,E और F पर प्रतिच्छेद करते हैं। सिद्ध कीजिए कि त्रिभुज DEF के कोण 90∘−12A,90∘−12B तथा 90∘−12C हैं।
हल :
प्रश्न के अनुसार AD,∠A का समद्विभाजंक है।
∠1=∠2=A2
BE,∠B का समद्विभाजक है।
∵∠3=∠4=B2
CF,∠C का समद्विभाजक है।
∠5=∠6=C2
हम जानते हैं कि एक ही वृत्तखण्ड के कोण बराबर होते हैं।
∴ ∠9=∠3(⏜AE द्वारा अंतरित कोण) ∠8=∠5
∠8=∠5 (⏜FA द्वारा अंतरित कोण)
∠9+∠8=∠3+∠5
∠D=B2+C2
∠E=A2+C2
∠F=A2+B2
△DEF में,
∠D+∠E+∠F=180∘∠D=180∘−∠E−∠F∠D=180∘−(∠E+∠F)∠D=180∘−(A2+C2+A2+B2)∠D=180∘−(A2+B2+C2)−A2∠D=180∘−90∘−A2∠D=90∘−A2
इसी प्रकार हम सिद्ध कर सकते हैं कि
∠E=90∘−B2
∠F=90∘−C2
इति सिद्धम्।
प्रश्न 8.
चित्र में O वृत्त का केन्द्र है, जिसके दीर्घ चाप PQ की अंश माप 200∘ है। लघु चाप की अंश माप रेडियन में ज्ञात कीजिए।
हल :
लघु चाप की अंश माप =360−200=160∘
=160∘×π180 रेडियन
=89π रेडियन
प्रश्न 9.
4 सेमी की त्रिज्या के एक वृत्त के अन्तर्गत △ABC एक समबहुभुज है । दीर्घ चाप ABC की लम्बाई ज्ञात कीजिए ।
हल :
दीर्घ वृतखण्ड AB की लम्बाई
=23×2πr,(∵⏜AB=⏜BC=⏜CA
=23×2×π×4=163π सेमी
दीर्घ चाप ABC की लम्बाई =163π सेमी ।
प्रश्न 10.
चित्र में O वृत्त का केन्द्र है। यदि ∠BAD की माप =30∘, तो x, y और z की मापें ज्ञात कीजिए।
हल :
∠BED=∠BAD(एक ही वृत्तखण्ड के कोणबराबर होते हैं)
z∘=30∘
∠BOD=2∠BAD
(किसी चाप के द्वारा केन्द्र पर बना कोण शेष परिधि पर बने कोण का दुगुना होता है)
y°=2×30
y°=60°
∠BCD=12 वृहत्तकोण BOD
=12(360∘−y∘)x∘=12(360∘−60∘)=300∘2=150∘x∘=150∘,y=60∘,z=30∘.
उत्तर
प्रश्न 11.
चित्र में, O वृत्त का केन्द्र है । यदि ∠AOB=150∘ और ∠BOC=100∘ है, तो ∠ABC की माप ज्ञात कीजिए ।
हल :
दिया है :
∠BOC=100∘
∠BOA=150∘
ज्ञात करना है : ∠ABC का मान ।
गणना :
∠AOC=360∘−(100∘+150∘)=360∘−250∘
∠AOC=110∘∠ABC=12∠AOC
[किंसी चाप द्वारा केन्द्र पर बना.कोण शेष परिधि पर बने कोण का दुगुना होता है]
=12×110∘=55∘∠ABC=55∘
प्रश्न 12.
संलग्न चित्र में O वृत्त DAB का केन्द्र है । जीवा AB वृत्त की त्रिज्या के बराबर है, तो ∠ADB का मान ज्ञात कीजिए ।
हल :
दिया है :जीवा AB=OA=OB (वृत्त की त्रिज्या)
तब △OAB समबाहु त्रिभुज है । अतः
∠AOB=∠OAB=∠OBA=60∘
∠ADB=12⋅∠AOB=12×60∘=30∘∠ADB=30∘.
प्रश्न 13.
किसी चक्रीय चतुर्भुज के विपरीत कोण ज्ञात की. .ए उसमें एक कोण दूसरे कोण का
(i) 27 गुना हो
(ii) 114 गुना हो
हल :
(i) माना ∠A=x∘
(i) माना ∠A=x∘
∠C=27x∘∠A+∠C=180∘x+27x=18097x=180x=7×1809=7×20=140∘∠A=140∘∠C=27×140∘=2×20∘=40∘.
(ii) माना ∠B=y∘
तब ∠D=114y∘
"." ∠B+∠D=180∘
y∘+114y∘=180∘154y∘=180∘y∘=4×18015=4×12=48∘∠B=48∘∠D=114×48∘=11×12=132∘∠A=140∘,∠C=40∘∠B=48∘,∠D=132∘.
प्रश्न 14.
दो सर्वागसम वृत्त परस्पर बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद 'करते हैं। A से होकर कोई रेखाखण्ड PAQ इस प्रकार खींचा गया है कि P और Q दोनों वृत्तों पर स्थित हैं। सिद्ध कीजिए कि BP=BQ है।
हल :
दिया है : दो सवांगसम' वृत्त बिन्दुओं A और B 'पर प्रतिच्छेद करते हैं।
A से खीची गई रेखा वृत्तों को P और Q पर मिलती है।
सिद्ध करना है :
BP=BQ
रचना : A और B को मिलाइए
उपपत्ति :. AB उभयनिष्ठ जीवा है और वृत्त बराबर हैं।
∴ उभयनिष्ठ जीवा 'के संगत चाप बराबर होते हैं। अर्थात्
^ACB=^ADB
क्योंकि दो सर्वीगसम वृत्तों के सवींगसम चाप वृत्त के शेष भाग पर बराबर कोण बनाते हैं। इसलिए,
∠1=∠2
△PBQ में
∠1=∠2
∴ त्रिभुज के बराबर कोणों की सम्मुख भुजाएँ बराबर होती हैं। इसलिए-
BP=BQ.
प्रश्न 15.
किसी त्रिभुज ABC में , यदि ∠A का समद्विभाजक तथा BC का लम्ब समद्विभाजक प्रतिच्छेद करें, तो सिद्ध कीजिए कि वे △ABC के परिवृत्त पर प्रतिच्छेद करेंगे।
हल :
दिया है : ABC एक त्रिभुज है और इसके शीर्षों से वृत्त गुजरता है। मान लीजिए कि कोण A का समद्विभाजक तथा सम्मुख भुजा BC का लम्ब समद्विभाजक (मान लीजिए) बिन्दु P पर प्रतिच्छेद करते हैं।
सिद्ध करना है : त्रिभुज ABC का परिवृत्त कभी बिन्दु P से होकर जाएगा।
उपपत्ति : हम जानते हैं कि किसी भुजा के लंब समद्विभाजक पर कोई भी बिन्दु इस संगत भुजा के अतःबिन्दुओं से समदूरस्थ होता है।
∵ B P=P C ............(i)
साथ ही प्राप्त है :
∠1=∠2.........(ii)
[क्योंकि, AP,∠A, का समद्विभाजक है। (दिया है) ?
(i) और (ii) से हमें ज्ञात होता है कि बराबर रेखाखण्ड वृत्त के एक ही खण्ड (अर्थात् △ABC के परिवृत्त के बिन्दु A पर) में बराबर कोण बनाते हैं।
इसलिए BP और PC,△ABC के परिवृत्त की जीवाओं के रूप में हैं और उनकी संगत चापें; ⏜BP और ⏜PC परिवृत्त के ही भाग हैं।
अत: बिन्दु P परिषृत्त पर ही है।.
दूसरे शब्दों में, बिन्दु A,B,P और C एक वृत्तीय हैं।
इति सिद्धम्।
प्रश्न 16.
यदि किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को व्यास मानकर वृत्त खींचे जाएँ, तो सिद्ध कीजिए कि इन वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा पर स्थित है।
हल :
दिया है : दो वृत्त एक-दूसरे को बिन्दुओं A और B पर प्रतिच्छेद करते हैं। AP और AQ उनके व्यास हैं।
सिद्ध करना है : बिन्दु B, तीसरी भुजा PQ पर स्थित है।
रचना : A और B को मिलाइए।
उपपत्ति : AP व्यास है।
∠1=90∘ (अर्धवृत्त का कोण)
साथ ही, AQ व्यास है।
∴ ∠2=90∘ (अर्धवृत्त का कोण)
∠1+∠2=90∘+90∘∠PBQ=180∘
⇒PBQ एक सरल रेखा है।
अत:, B अर्थात् इन वृत्तों का प्रतिच्छेद बिन्दु तीसरी भुजा अर्थात् PQ पर स्थित है।
प्रश्न 17.
उभयनिष्ठ कर्ण AC वाले दो समकोण' त्रिभुज ABC और ADC हैं। सिद्ध कीजिए कि ∠CAD=∠CBD है।
हल :
दिया है कि दो समकोण त्रिभुज ABC और ADC जिनमें B और D क्रमशः समकोण हैं।
यदि हम AC (उभयनिष्ठ कर्ण) व्यास लेकर एक वृत्त खीचे तो यह निश्चित रूप से बिन्दुओं B और D में से होकर जाएगा।
[ क्योंकि B और D वे बिन्दु हैं जो चाप AC के एकान्तर खण्डों में हैं।].
अब, ⏜CD एक ही वृत्तखेण्ड में ∠CBD और ∠CAD अंतरित करती है। ∴
∠CAD=∠CBD.
इति सिद्धम।
प्रश्न 18.
सिद्ध कीजिए कि एक चक्रीय समान्तर चतुर्भुज आयत होता है।
हल :
मान लीजिए ABCD एके चक्रीय समान्तर चतुर्भुज है। यह सिद्ध करने के लिए यह एक आयत है इतना ही सिद्ध करना पर्याप्त है कि समान्तर चतुर्भज का एक कोण समकोण है। अब, ABCD एक समान्तर चतुर्भुज है।
∠B=∠D
(क्योंकि समान्तर चतुर्भुज ..........(i)
(क्योंकि समान्तर चतुर्भुजके सम्मुख कोण बराबर होते हैं।)
साथ ही, ABCD एक चक्रीय चतुर्भुज है।
∠B+∠D=180∘............(ii)
(i) और (ii) से हमें प्राप्त होता है :
∠B+∠B=180∘2∠B=180∘∠B=90∘
अत:, ABCD एक आयत है।
प्रश्न 19.
सिद्ध कीजिए कि दो प्रतिच्छेद करते हुए वृत्तों की केन्द्रों की रेखा दोनों प्रतिच्छेद बिन्दुओं पर समान कोण अंतरित करती है।
हल :
दिया है : दो वृत्त जिनके केन्द्र A तथा B हैं एक दूसरे को C तथा D पर काटते हैं। सिद्ध करना है :
∠ACB=∠ADB
रचना : C तथा D को मिलाया जो AB को O पर काटती है।
उपपत्ति : △ABC और △ABD में,
AC=A˙D (त्रिज्याएँ)
BC=BD (त्रिज्याएँ)
AB=AB (उभयनिष्ठ)
△ABC≅△ABD (SSS नियम से)
∠ACB=∠ADB (CPCT से)
प्रश्न 20.
एक वृत्त की 5 सेमी तथा 11 सेमी की लम्बी दो जीवाएँ AB और CD समांतर हैं और केन्द्र की विपरीत दिशा में स्थित हैं। यदि AB और CD के बीच की दूरी 6 सेमी हो, तो वृत्त की त्रिज्या ज्ञात कीजिए। हल : एक वृत्त जिसका केन्द्र O है, में जीवा AB=5 सेमी तथा जीवा CD=11 सेमी.।
चूँक केन्द्र से जीवा पर डाला गया लम्ब जीवा को समद्भिभाजित करता है। अतः
AL=2.5 सेमी CM=5.5 सेमी
माना वृत्त की त्रिज्यायें r हैं।
△ALO में, r2=x2+(2.5)2.........(i)
△CMO में, r2=(6−x)2+(5.5)2............(ii)
समी (i) तथा (ii) से,
x2+(2.5)2=(6−x)2+(5.5)2x2+6.25=36+x2−12x+30.256.25=36−12x+30.25⋅12x=66.25−6.2512x=60x=5r2=(5)2+(2.5)2r2=25+254
r2=1254
r=5√52सेमी।
प्रश्न 21.
किसी वृत्त की दो समांतर जीवाओं की लम्बाइयाँ 6 सेमी और 8 सेमी हैं। यदि छोटी जीवा केन्द्र से 4 सेमी की दूरी पर हो, तो दूसरी जीवा केन्द्र से कितनी दूर है?
हल :
माना केन्द्र O वाले वृत्त की AB तथा CD दो समांतर जीवाएँ इस प्रकार है कि AB=6 सेमी तथा CD=8 सेमी।
माना वृत्त की त्रिज्या OA=OC=r सेमी है।
OP⊥AB तथा OQ⊥CD डाला। चूँकि AB‖CD तथा OP⊥AB,OQ⊥CD. इसलिए बिन्दु O,Q तथा P संरेखीय हैं। स्पष्ट रूप से OP=4 सेमी तथा P,Q क्रमशः AB तथा CD के मध्य बिन्दु हैं।
AP=PB=12AB
=3 सेमी
CQ=QD=12CD
=4 सेमी
समकोण △OAP में r
OA2=OP2+AP2r2=42+32=16+9=25
r=5 सेमी
समकोण △OCQ में,
OC2=OQ2+CQ2r2=OQ2+4225=OQ2+16OQ2=9OQ=3
अत: केन्द्र से जीवा की दूरी 3 सेमी है।
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