प्रश्नावली 1 (D)
प्रश्न 1
संख्या रेखा पर निम्नलिखित में से प्रत्येक के बीच की दूरी ज्ञात कीजिए :
(i) -7 तथा 4
(ii) -7 तथा |-7|
(iii) -3 तथा 4
(iv) -1 तथा -2
हल :
(i)-7 तथा 4 के बीच की दूरी =4-(-7)=4+7=11
(ii)-7 तथा ।-7। के बीच की दूरी =|-7|-(-7)=7+7=14
(iii)-3 तथा 4 के बीच की दूरी =4-(-3)=4+3=7
(iv)-1 तथा -2 के बीच की दूरी =-1-(-2)=-1+2=1
प्रश्न 2
संख्या रेखा पर वे बिन्दु प्रदर्शित कीजिए जो निम्नलिखित शर्तों को संतुष्ट करते हों :
(i) |x|<3
(ii) |x|=√2
(iii) |x|2=6
(iv) 1<|x|<2
हल :
(i) जब x≥0,|x|=x
|x|≤3
x≤3 ..................(1)
x≤3
जब x<0, |x|=-x
|x|≤3
-x≤3
x≥-3.................(2)
समी. (1) और (2) से,
-3≤x≤3
∴|x| ≤ 3 के आलेख में वे सभी बिन्दु सम्मिलित हैं, जो संख्या रेखा पर -3 और 3(-3 और 3 सहित) के बीच स्थित है, जैसा कि निम्न चित्र में है :
(ii) |x|=√2
जब x>0, |x|=x
|x|=√2
x=1.414 .................(1)
जब x<0,|x|=-x
|x|=√2−x=√2x=−√2x=−1.414.......(2)
समीकरण (1) और (2) से,
|x|=√2
|x|=−√2
|x|=±√2=±1.414
अब संख्या रेखा पर P' और P अभीष्ट बिन्दु हैं ।
(iii) |x|2=6
जब x2≥0
अर्थात् x≥0
तब |x|2=x2
|x|2=6x2=6x=12......(1)
जब|x|2<0 अर्थात् x<0
|x|2=−x2|x|2=6−x2=6−x=12x=−12
समीकरण (1) और (2) से,
|x|2=6
x=±12
अतः संख्या रेखा पर स्थित बिन्दु P' और P, |x|2=6 का ग्राफ प्रदर्शित करता है ।
(iv) जब x≥0,|x|=x
=1<|x|<2
=1<x<2...........(1)
x<0,|x|=x
ஃ 1<|x|<2
1<-x<2
=-1>x>-2
=-2<x<-1 ........(2)
समी. (1) और (2) से, 1<x<2
और -2<x<-1
∴ दी हुई 1<|x|<2 का ग्राफ उन सभी बिन्दुओं का समूह है, जो संख्या रेखा पर 1 और 2 के बीच स्थित हैं या -2 और -1 के बीच स्थित हैं । जैसे,
प्रश्न 3
निम्नलिखित संख्या युग्मों के बीच स्थित चिन्ह ? के स्थान पर '>', '=', 'र' में से उचित प्रतीक लगाइए :
(i) |7-2| ? |7|-|2|
(ii) |8-(-3)| ? (|8|-|-3|)
(iii) |-9-3| ? (|-9|-|3|)
(iv) |3-5| ? (|3|-|5|)
हल :
(i) |7-2|=|7|-|2|
(ii) |8-(-3)|>(|8|-|-3|)
(iii) |-9-3|>(|-9|-|3|)
(iv) |3-5|>(|3|-|5|)
प्रश्न 4
√2 और √3 के बीच दो अपरिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए ।
हल : √2 तथा √3 के बीच दो अपरिमेय संख्याएँ √2⋅1 तथा √2.2 हैं ।
प्रश्न 5
2 और 2.5 के बीच दो अपरिमेय संख्याएँ ज्ञात कीजिए ।
हल :
पहली अपरिमेय संख्या =√2×2⋅5=√5
∴ 2<√5<2⋅5
दूसरी अपरिमेय संख्या 2 और √5 के बीच होगी ।
अतः अपरिमेय संख्या
=√2×√5=(2×51/2)1/2=21/2×51/4
अत: 2 और 2.5 के बीच दो अपरिमेय संख्याएँ
=21/2×51/4 तथा √5
या 2.101001000100001 या 2.201001000100001
प्रश्न 6
1 और 2 के बीच एक अपरिमेय संख्या ज्ञात कीजिए।
हल :
1 और 2 के बीच एक अपरिमेय संख्या =√1×2=√2.
अतः अभीष्ट एक अपरिमेय संख्या =√2.
प्रश्न 7
जाँच कीजिए कि निम्नलिखित संख्याएँ परिमेय हैं अथवा अपरिमेय :
(i) (√2+2)2
(ii) (2−√2)(2+√2)
(iii) (√2+√3)2
(iv) (3+√2)(2−√3)×(3−√2)(2+√3)
हल :
(i)
(√2+2)2=(√2)2+(2)2+2×√2×2=2+4+4√2=6+4√2.
∵6 परिमेय है और 4√2 अपरिमेय है, तो योग अपरिमेय होगा ।
अत: (√2+2)2 एक अपरिमेय संख्या है ।
(ii) (2−√2)(2+√2)=(2)2−(√2)2
=4-2=2 (परिमेय)
अतः दी हुई संख्या परिमेय है।
(iii)
(√2+√3)2=2+3+2√2×3=5+2√6
5 परिमेय है तथा 2√6 अपरिमेय है । इनका योग भी अपरिमेय होगा ।
अतः (√2+√3)2 अपरिमेय संख्या है ।
(iv) (3+√2)(2−√3)×(3−√2)(2+√3)=(3+√2)(3−√2)(2−√3)(2+√3)
=[(3)2−(√2)2][(2)2−(√3)2]
=(9-2)(4-3)
=7×1=7 (परिमेंय)
अतः दी गई संख्या परिमेय है ।
प्रश्न 8
नीचे दिये गये कथन सत्य हैं या असत्य ? कारण के साथ अपने उत्तर दीजिये-
(i) प्रत्येक अपरिमेय संख्या एक वास्तविक संख्या होती है।
(ii) संख्या रेखा का प्रत्येक बिन्दु √m के रूप का होता है, जहाँ √m एक प्राकृत संख्या है।
(iii) प्रत्येक 'वास्तविक संख्या एक अपरिमेय संख्या होती है।
हल :
(i) यह कथन सत्य है क्योंकि अपरिमेय और परिमेय संख्यायें मिलकर वास्तविक संख्याएँ बनती हैं। अत्: प्रत्येक अपरिमेय संख्या वास्तविक' संख्या होती है।
(ii) यह कथन असत्य है, क्योंकि संख्या रेखा पर सभी वास्तविक संख्यायें निरूपित की जा सकती हैं। यहाँ m एक प्राकृतिक संख्या है जो यह दर्शाती है कि √1,√2,√3,√4,… बिन्दु ही संख्या रेखा पर स्थित हैं तथा अन्य बिन्दु संख्या रेखा पर स्थित नहीं होने चाहिये।
जबकि वास्तविक यह है कि दी हुई किन्हीं दो क्रमिक संख्याओं को निरूपित करने वाले बिन्दुओं के बीच विस्तृत अन्तराल होता हैं; जैसे: √2=1.414 तथा √3=1.732 तब 1.414 तथा 1.732 के बीच पड़ने वाली संख्याओं को भी संख्या रेखा पर स्थान प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त ऋणात्मक संख्यायें संख्या रेखा पर स्थित होती हैं।
अत: संख्या रेखा पर प्रत्येक बिन्दु √m द्वारा व्यक्त नहीं किया जा सकता जबकि m एक प्राकृत संख्या है।
(iii) यह कथन असत्य है, क्योंकि परिमेय संख्याओं और अपरिमेय संख्याओं के संग्रह से वास्तविक संख्याओं के समुच्चय का निर्माण होता है।
अत: प्रत्येक परिमेय संख्या तो वास्तविक संख्या हो सकती है परन्तु प्रत्येक वास्तविक संख्या का अपरिमेय होना आवश्यक नहीं है।
प्रश्न 9
क्या सभी धनात्मक पूर्णांकों के वर्गमूल अपरिमेय होते हैं ? यदि नहीं, तो एक ऐसी संख्या के वर्गमूल का उदाहरण दीजिये जो एक परिमेय संख्या है।
हल :
नहीं, सभी धनात्मक पूर्णांकों के वर्गमूल अपरिमेय नहीं होते हैं, जैसे : 4,9,16,25,36, .... आदि धनात्मक पूर्णांक हैं, लेकिन इनके वर्गमूल एक अपरिमेय संख्या न होकर परिमेय संख्याएँ होती हैं; जैसे :
√4=2= एक परिमेय संख्या
√9=3= एक परिमेय संख्या, आदि।
प्रश्न 10
दिखाइये कि संख्या रेखा पर √5 को किस प्रकार निरूपित किया जा सकता है ?
हल :
5=(2)2+1
सर्वप्रथम एक संख्या रेखा खींचिए। संख्या रेखा पर O से OA=2 मात्रक तथा AB=1 मात्रक दूरी लेकर समकोण ΔOAB की रचना कीजिए।
पाइथागोरस प्रमेय से ΔAOB में,
OB=√OA2+OB2=√(2)2+(1)2=√5
परकार की सहायता से संख्या रेखा पर O को केन्द्र मानकर OB त्रिज्या का चाप लगाया है जो संख्या रेखा को C बिन्दु पर प्रतिच्छेद करता है।
OC=OB=√5=2.236 (लगभग)
अत: बिन्दु C संख्या रेखा पर √5 को व्यक्त करता है।
प्रश्न 11
संख्या रेखा पर बिन्दु x ज्ञात कीजिए, ताकि :
(i) |x-5|>3
(ii) |x-5|<3
(iii) |x-5|=3
(iv) |x|≥5
हल :
(i) |x-5|>3
प्रथम स्थिति : |x-5|>3
= (x-5)>3
दो पक्षों में 5 जोड़ने पर x-5+5>3+5
या x>8
दूसरी स्थिति : |x-5|>3
(x-5)>3
|-(-x+5)|>3
-x+5>+3
दोनों पक्षों में -5 जोड़ने पर
-x+5-5>+3-5
-x>-2
x<2
अत: बिन्दु P के बायीं ओर के सभी बिन्दु तथा Q के दायीं ओर के सभी बिन्दु (P तथा Q के बिन्दुओं को छोड़कर) संख्या रेखा पर x को व्यक्त करते है ।
(ii) |x-5|<3
पहली स्थिति :
|x-5|<3
x-5<3
x<3+5
x<8
दूसरी स्थिति :
|x-5|<3
|-(-x+5)|<3
-x+5<3
-x<3-5
-x<-2
2<x<8
अतः 2 और 8 के बीच के सभी बिन्दु संख्या रेखा पर x को व्यक्त करते हैं ( 2 और 8 सम्मिलित नहीं हैं) ।
(iii) पहली स्थिति :
|x-5|=3
|x-5|=3
x-5=3
x=3+5=8
दूसरी स्थिति :
|x-5|=3
|-(-x+5)|=3
-x+5=3
-x=3-5=-2
x=2
अत: बिन्दु P और Q संख्या रेखा पर x को निरूपित करते हैं ।
(iv) पहली स्थिति
|x|≤5
|x|≤5 (जब ≥0,|x|=x)\
x≤5
दूसरी स्थिति :
|x|≤5
-x≤5 [जब x<0,|x|=-x]
x≥-5
-5≤x≤5
अत: वे सभी बिन्दु जो -5 और 5 (जिसमें -5 तथा 5 सम्मिलित हैं) के बीच के सभी बिन्दु ।
प्रश्न 12
सिद्ध कीजिए कि 2+√3 एक अपरिमेय संख्या है ।
हल :
सिद्ध करना है (2+√3) एक अपरिमेय संख्या है ।
माना 2+√3 एक परिमेय संख्या है ।
2+√3=r (जहाँ r परिमेय संख्या)
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
(2+√3)2=r24+3+2×2×√3=r27+4√3=r24√3=r2−7√3=r2−74
∵ r परिमेय संख्या है, तब r2−74 एक परिमेय संख्या होगी ।
तथा √3 अपरिमेय संख्या है ।
∵ अपरिमेय संख्या तथा परिमेय संख्या कभी बराबर नहीं होती हैं। तब r एक अपरिमेय संख्या होगी ।
अतः 2+√3 एक अपरिमेय संख्या है ।
प्रश्न 13
सिद्ध कीजिए कि √3−1 एक अपरिमेय संख्या है ।
हल :
सिद्ध करना है,
√3−1 एक अपरिमेय संख्या है ।
माना √3−1 एक परिमेय संख्या है ।
तब √3−1=r ( जहाँ r एक परिमेय संख्या है)
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
(√3−1)2=r23+1−2√3=r2−2√3=r2−42√3=4−r2√3=4−r22
अब 4−r22 एक परिमेय संख्या है तथा √3 अपरिमेय संख्या है ।
∵ अपरिमेय संख्या तथा परिमेय संख्या कभी बराबर नहीं होती हैं।
∴√3−1 एक अपरिमेय संख्या है ।
प्रश्न 14
सूत्र (a−b)2=a2−2ab+b2 के प्रयोग से, (|a|−|b|)2 का प्रसार कीजिए और दिखाइए कि प्रत्येक दो परिमेय संख्याओं a और b के लिए 2|a||b|≤a2+b2. इस सम्बन्ध में समता चिन्ह कब आयेगा ?
हल :
चूँकि दो परिमेय संख्याओं a तथा b के अन्तर का वर्ग शून्य या इससे अधिक होता है ।
ஃ (|a|−|b|)2≥0
|a|2+|b|2−2|a||b|≥0−2|a||b|≥−(|a|2+|b|2)2|a||b|≤|⋅a|2+|b|2
यही अभीष्ट प्रतिबन्ध है ।
(|a|−|b|)2=0, तब |a|−|b|=0|a|=|b|
अतः समता का चिन्ह तब आयेगा, जब
|a|=|b|
प्रश्न 15
सिद्ध कीजिए कि (√5−√3) एक अपरिमेय संख्या है ।
हल :
सिद्ध करना है कि √5−√3 एक अपरिमेय संख्या है ।
माना √5−√3 एक परिमेय संख्या है ।
∴ √5−√3=r
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
5+3−2√3×5=r28−2√15=r2−2√15=r2−8=−(8−r2)2√15=8−r2√15=8−r22
अब 82−r2 परियेय संख्या है लेकिन √15 अपरिमेय संख्या है ।
∵ अपिमेय संख्या.तथा परिमेय संख्या कभी बराबर नहीं होती हैं।
अतः (√5−√3) एक अपरिमेय संख्या है।
प्रश्न 16
√5 और √7 के मान दशमलव के दो स्थानो तक शुद्ध ज्ञात कीजिए ।
हल :
√5 का मान ज्ञात करना :
=4<5<9
= 22<5<32
=2<√5<3 (वर्गमूल लेने पर)
=4.84<5<5.29
=(2⋅2)2<5<(2⋅3)2
=2⋅2<√5<2⋅3 (वर्गमूल लेने पर)
=(2⋅23)2<5<(2⋅24)2
=2.23<√5<2⋅24 (वर्गमूल लेने पर)
= (2⋅236)2<5<(2⋅237)2
=2.236<√5<2.237 (वर्गमूल लेने पर)
अतः =√5=2.236=2.24 (लगभग)
√7 का मान ज्ञात करना :
4<7<922<7<322<√7<36.76<7<7.29(2⋅6)2<7<(2⋅7)22.6<√7<2⋅76⋅9696<7<7.0225(2⋅64)2<7<(2.65)22⋅64<√7<2⋅656.996025<7<7.001316(2.645)2<7<(2.646)2
2.645<√7<2.646 (वर्गमूल लेने पर)
√7=2.645√7=2.64( लगभग )।
प्रश्न 17
संख्या रेखा पर वह बिन्दु ज्ञात कीजिए जो अपरिमेय संख्या √2 को निरूपित करता हो ।
हल :
संख्या रेखा L पर मूलबिन्दु O से 1 की दूरी को भुजा मानकर OA BC एक वर्ग बनाया ।
पाइथागोरस प्रमेय से,
OB2=OA2+AB2OB=√OA2+AB2=√12+12=√1+1OB=√2
∴ O को केन्द्र मानकर OB=√2 त्रिज्या लेकर एक चाप खींचो जो संख्या रेखा L को P पर काटता है । यही बिन्दु P संख्या रेखा पर अपरिमेय संख्या √2 को निरूपित करता है ।
प्रश्न 18
दिखाइए कि 3√6 परिमेय संख्या नहीं है ।
हल :
माना 3√6=pq एक परिमेय संख्या है ।
जहाँ p तथा q पूर्णांक हैं (q>1) और p तथा q में कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है ।
6=(pq)3 (दोनों पक्षों का घन करने पर)
6=p3q36q2=p3q
चूँकि 6q2 पूर्णांक है लेकिन p3q पूर्णांक नहीं है ।
क्योंकिं q एक पूर्णांक राशि है ।
p3 तथा q में कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है और q>1 ; p3q एक ऐसी भिन्न है, जो पूर्णांक नहीं है ।
अतः विपरीत स्थितियाँ हैं । अतः 3√6 एक परिमेय संख्या नहीं है ।
प्रश्न 19
बताइये नीचे दी गई संख्याओं में कौन-कौन परिमेय हैं और कौन-कौन अपरिमेय हैं :
(i) 2−√5
(ii) (3+√23)−√23
(iii) 2√77√7
(iv) 1√2
(v) 2π
हल :
(i) 2−√5
दी गई संख्या में 2 एक परिमेय संख्या है जिसमें से √5 अपरिमेय संख्या को घटाना है। घटाने पर निश्चित ही एक अपरिमेय संख्या प्राप्त होगी अर्थात्
- 2−√5= अपरिमेय संख्या।
(ii) (3+√23)−√23=3+√23−√23=3= एक परिमेय संख्या।
(iii) 2√77√7=27= एक परिमेय संख्या।
(iv) 1√2= अपरिमेय संख्या।
(∵ एक परिमेय तथा अपरिमेय का भागफल अपरिमेय होता है)
(v) 2π, यहाँ संख्या 2 परिमेय और π अपरिमेय संख्या का गुणनफल अपरिमेय आता है।
अतः 2π एक अपरिमेय संख्या है।.
प्रश्न 20
निम्नलिखित व्यंजकों में से प्रत्येक व्यंजक को सरल कीजिये :
(i) (3+√3)(2+√2)
(ii) (3+√3)(3−√3)
(iii) (√5+√2)2
(iv) (√5−√2)(√5+√2)
हल :
(i) (3+√3)(2+√2)=3×2+3√2+2√3+√6=6+3√2+2√3+√6
(ii)
(3+√3)(3−√3)=(3)(3)−(3)(√3)+3√3−(√3)(√3)=9−3=6
(iii)
(√5+√2)2=(√5)2+(√2)2+(2)(√5)(√2)=5+2+2√10=7+2√10
(iv)
(√5−√2)(√5+√2)=(√5)2−(√2)2=5−2=3
प्रश्न 21
उत्तरोत्तर आवर्धन करके संख्या रेखा पर 3.765 को देखिए।
हल :
हम यह जानते हैं कि 3.765,3 और 4 के बीच की दूरी को 10 बराबर भागों में बाटेंगे और [3.7, 3.8] को लेंस से देखा और महसूस करेंगे कि 3.765, 3.7 और 3.8
के बीच में होगा। (आकृति (i) में देखो)। अब हम नये वर्ग [3.1, 3.2], [3.2, 3.3], ....[3.9, 4.0] की दूरी को 10 . बराबर भागों में बाटेंगे, जैसे पहले देखा है। पुनः हम देखेंगे कि 3.765 वर्ग [3.76, 3.77] के बीच में होगा। देखें आकृति (ii)
अतः हमने देखा कि लगातार उपयुक्त आवर्धन से सांत दशमलव को संख्या रेखा पर निरूपित कर सकते हैं और अब असांत वास्तविक' संख्या, संख्या रेखा पर निरूपण की स्थिति में हैं। हम आवर्धन लेंस से उपयुक्त वर्ग को देख संकते हैं।
प्रश्न 22
4 दशमलव स्थानों तक संख्या रेखा पर 4¯26 को देखिए।
हल :
हम लगातार आवर्धन और लगातार वर्ग की दूरी को घटाकर आगे बढ़ेंगे, जहाँ 4.¯26 स्थित है। 4.26 वर्ग [4, 5] जिसकी दूरी 1 है, में स्थित है। आगे हम वर्ग [4.2, 4.3] में 4.26 को दर्शायेंगे जिसकी दूरी 0.1 है।
इस निरूपण को अधिक स्पष्ट करने के लिए हम इस वर्ग को 10 बराबर भागों में बांटेंगे और आवर्धक लेंस के प्रयोग से देखेंगे कि 4.¯26 वर्ग [4⋅26,4.27] जिसकी लम्बाई 0.01 है, में स्थित है।
4.26 को 0.001 की दूरी में दर्शाने के लिए हम दोबारा प्रत्येक वर्ग को 10 बराबर भागों में बाटेंगे और 0: 001 लम्बाई वाले वर्ग [4.262, 4.263] में दर्शायेंगे और हम देखेंगे कि 4.262 की तुलना में 4.¯26,4.264 के नजदीक है।
नोट : हम इस प्रकार आवर्धन और वर्ग की लम्बाई घटाकर अनन्त तक इस क्रिया को कर सकते हैं, जिसमें 4.26 स्थित है।
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