प्रश्नावली 1 (C)
Question 1
सिद्ध कीजिए कि 3√3 एक परिमेय संख्या नहीं है।
Sol :कल्मना कीजिए कि 3√3 एक परिमेय संख्या है।
माना 3√3=r (जहाँं r एक परिमेय संख्या है।)
या √3=r3
∵r3 एक परिमेय संख्या है और √3 एक अपरिमेय संख्या है।कभी भी अपरिमेय संख्या और परिमेय संख्या बराबर नहीं होती हें।
∴√3≠r3
या 3√3≠r
या 3√3≠ परिमेय संब्या
अतः 3√3 उक परिमेय संख्या नहीं है।
Question 2
सिब्ध कीजिए कि √5 एक अपरिमेय संख्या है।
Sol :
माना √5=pq एक पर्मिय संख्या है।..(i)
p, q पूर्णांक है तथा q>1, p तथा q में कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है।
(√5)2=(pq)2
5=p2q2
5q=p2q...(ii)
चूँकि 5q एक पूर्णांक है लेकिन p2q में कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है।
अतः p2q≠5q जो परिणाम (ii) के विपरीत है। इससे सिद्ध होता है कि हमारी कल्पना असत्य है।
अतः √5 अपरिमेय संख्या है।
Question 3
सिद्ध कीजिए कि 3+2√5 एक अपरिमेय संख्या है।
Sol :
माना 3+2√5 एक परिमेय संख्या है जो x/y के बराबर है।
अतः xy=3+2√5
या xy−3=2√5
या 2√5=xy−3 या √5=x2y−32
∵ यहाँ √5 एक अपरिमेय संख्या है जो हम प्रश्न 2 में सिद्ध कर चुके हें तथा x2y−32 एक परिमेय संख्या है।
इसलिए हमारा विचार गलत है कि दी गयी संख्या परिमेय है।
अत: 3+2√5 एक अपरिमेय संख्या होगी।
Question 4
सिब कीजिए कि √7 एक अपरिमेय संख्या है।
Sol :
इसके विपरीत हम यह मान लें कि √7 एक परिमेय संख्या है।
हम ऐसे दो पूर्णांक a और b(b≠0) प्राप्त कर सकते हें कि √7=ab है
यदि a और b में, 1 के अतिरिक्त कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड हो, तब उस उभयनिष्ठ गुणनखण्ड से भाग देकर a और b को सह अभाज्य बना सकते हें।
अत : b√7=a है
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर 7b2=a2 प्राप्त होता है।
अतः a2,7 से विभाजित है, तब 7, a को भी विभाजित करेगा।
अतः हम a=7c लिख सकते हैं, जहाँ c एक पूर्णांक़ है
a के इस मान को 7b2=a2 में प्रतिस्थापित करने पर
7b2=49 या b2=7c2
इसका अर्थ है कि b2,7 से विभाजित हो जाता है। इसलिए b भी उससे विभाजित होगा।
अतः a और b में कम से कम एक उभयनिष्ठ गुणनखण्ड 7 है। परन्तु इससे इस तथ्य का विरोधाभास होता है। कि a और b सह अभाज्य हें।
अतः √7 एक अपरिमेय संख्या है।
Question 5
यदि √2 एक परिमेय संख्या नहीं है। सिद्ध कीजिए कि 2+√2 एक परिमेय संख्या नहीं है।
Sol :
कल्पना कीजिए कि 2+√2 एक परिमेय संख्या है। तब,
माना 2+√2=r [जहाँ r एक परिमेय संख्या है
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
4+2+4√2=r2
या 6+4√2=r2
∵ r एक परिमेय संख्या है तब r2 भी परिमेय संख्या है।
∴r2−64 परिमेय संख्या है।
लेकिन √2 एक परिमेय संख्या नहीं है ( दिया है ) तब अपरिमेय संख्या किसी परिमेय संख्या के बराबर नही होती है।
∴कल्पना 2+√2 एक परिमेय संख्या है, गलत हैं
अतः (2+√2) परिमेय संख्या नहीं है।
Question 6
सिद्ध कीजिए कि निम्नलिखित संख्याएँ अपरिमेय हैं :
(i) 1√2
Sol :
माना कि 1√2 एक परिमेय संख्यां है जो ab के बराबर है।
∴ 1√2=ab, जहाँ b≠0
या √2=ba
∵ba एक परिमेय संख्या है।
∴√2 भी एक परिमेय संख्या होगी।
परन्तु इस तथ्य का विरोधाभास है कि √2 एक अपरिमेय संख्या है।
∴ हमारा मानना अत्यन्त गलत है।
अतः 1√2 एक अपरिमेय संब्या है।
(ii) 7√5
Sol :
माना कि 7√5 एक परिमेय संख्या है जो xy के बराबर है तथा y≠0.
xy=7√5
या x=7y√5...(i)
∵यहाँ x, y तथा 7 पूर्णाक हैं
समीकरण (i) से,
√5=x7y
अर्र्थात् x7y एक परिमेय संख्या है एवं √5 भी एक परिमेय संख्या है जो इस तथ्य का विरोधाभास है कि √5 एक अपरिमेय संख्या है।
∴हमारा मानना गलत है।
अतः 7√5 एक अपरिमेय संख्या है।
(iii) 6+√2
Sol :
माना कि 6+√2 एक परिमेय संख्या है जो ab के बराबर है तथा b≠0.
अब ab=6+√2
ab−6=√2
√2=ab−6
√2=a−6bb...(i)
जहाँ a, b तथा 6 पूर्णीक हैं।
यहाँ a−6bb एक परिमेय संख्या है।
और समीकरण (i) से, √2 भी एक परिमेय संख्या होनी चाहिए। परन्तु इस तथ्य के विरोधाभास के कारण √2 एक अपरिमेय संख्या है।
∴ हमारा दिचार कदापि सही नहीं है।
अतः 6+√2 एक अपरिमेय संख्या होगी।
Question 7
सिद्ध कीजिए कि (√3−1) एक अपरिमेय संख्या है।
Sol :
सिद्ध करना है,
√3−1 एक अपरिमेय संख्या है।
माना √3−1 एक परिमेय संख्या है।
तब √3−1=r (जहाँ r एक परिमेय संख्या है)
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर,
(√3−1)2=r2
3+1−2√3=r2
−2√3=r2−4
2√3=4−r2
√3=4−r22
अब 4−r22 एक परिमेय संख्या है तथा √3 अपरिमेय संख्या है।
∵अपरिमेय संख्या तथा परिमेय संख्या कभी बराबर नहीं होती हैं।
∴√3−1 एक अपरिमेय संख्या है।
Question 8
सिद्ध कीजिए कि √5−√3 एक अपरिमेय संख्या है।
Sol :
सिद्ध करना है कि √5−√3 एक अपरिमेय संख्या है।
∴√5−√3=r (जहाँ r परिमेय संख्या है)
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
5+3−2√3×5=r2
8−2√15=r2
−2√15=r2−8
=−(8−r2)
2√15=8−r2
√15=8−r22
अब 8−r22 परिमेय संख्या है लेकिन √15 अपरिमेय संख्या है।
∵अपरिमेय संख्या तथा परिमेय संख्या कभी बराबर नहीं होती हैं।
अतः (√5−√3) एक अपरिमेय संख्या है।
Question 9
सिद्ध कीजिए कि 2+√3 एक अपरिमेय संख्या है।
Sol :
सिद्ध करना है (2+√3) एक अपरिमेय संख्या है।
(2+√3)=r (जहाँ r परिमेय संख्या है।)
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
(2+√3)2=r2
4+3+2×2×√3=r2
7+4√3=r2
4√3=r2−7
√3=r2−74
∵ r परिमेय संख्या है तब r2−74 एक परिमेय संख्या होगी तथा √3 अपरिमेय संख्या है।
∵ अपरिमेय संख्या तथा परिमेय संख्या कभी बराबर नहीं होती हैं।
तब r एक अपरिमेय संख्या होगी।
अतः 2+√3 एक अपरिमेय संख्या है।
Question 10
सिद्ध कीजिए कि 4−3√2 एक अपरिमेय संख्या है।
Sol :
इसकें विपरीत मान लीजिए कि 4−3√2 एक परिमेय संख्या है अर्थात सह अभाज्य ऐसी संख्याएँ a और b(b≠0) ज्ञात कर सकते है कि
4−3√2=ab
3√2=4−ab
√2=4b−a3b
∵ a तथा b पूणाक हैं,
∴ 4b−a3b एक परिमेय संख्या है।
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